क्यों Overthink करते हैं लोग, कैसे ये मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है, इसे कम करने के तरीके
बहुत ज्यादा सोचने वाले लोग अक्सर गलतफहमियो के शिकार होते हैं क्योंकि उनकी सोच ऐसी समस्याएं पैदा कर देती है, जो वास्तव में मौजूद होती ही नहीं है। ऐसे लोग अक्सर दूसरों इरादों को भी गलत समझ लेते हैं, जिससे रिश्तों में तनाव आ जाता है। ये तनाव लड़ाई-झगड़ों का कारण भी बन सकता है।
बहुत ज़्यादा सोचना न तो आपके मानसिक स्वास्थ्य और न ही आपके रिश्तों के लिए अच्छा है। अपने दिमाग में लगातार एक परिस्थिति को बार-बार दोहराना, निर्णयों पर बार-बार विचार करना या परिणामों के बारे में जरुरत से ज्यादा सोचना तनाव, चिंता और यहां तक कि डिप्रेशन का कारण बन सकता है। यह मानसिक तनाव न केवल आपकी भलाई को प्रभावित करता है, बल्कि दूसरों के साथ आपकी बातचीत और रिश्तों को भी प्रभावित करता है।
बहुत ज्यादा सोचने वाले लोग अक्सर गलतफहमियों के शिकार हो जाते हैं क्योंकि उनकी सोच ऐसी समस्याएं पैदा कर देती है, जो वास्तव में मौजूद होती ही नहीं हैं। ऐसे लोग अक्सर दूसरों के इरादों को भी गलत समझ लेते हैं, जिससे रिश्तों में तनाव आ जाता है। ये तनाव लड़ाई-झगड़ों का कारण भी बन सकता है। ऐसे में यह पहचानना महत्वपूर्ण होता जाता है कि आप बहुत ज्यादा क्यों सोचते हैं? इसी के साथ बहुत ज्यादा सोचने के इस चक्र को तोड़ने के लिए उठाएं जाने वाले जरुरी कदमों पर भी विचार करना आवश्यक है।
मानसिक स्वास्थ्य की विशेषज्ञ मैगी लांसियोनी ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने ज्यादा सोचने की वजहों के बारे में बताया और इसी के साथ उन्होंने इसे कम करने के कुछ तरीके भी बताए।
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मैगी ने कुछ कारण बताए, जिनकी वजह से लोग बहुत ज़्यादा सोचने से जूझते हैं
मैगी ने कहा कि जो लोग बचपन से सुरक्षित माहौल में नहीं पले-बढ़े हैं या फिर उन्हें बड़े होने पर हर चीज को खुद से समझना पड़ा है वो अक्सर खुद को ज्यादा सोच-विचार करता हुआ पाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को गलती करने का डर रहता है या फिर जो लोग निर्णय लेने में संघर्ष करते हैं वो बहुत सोचते हैं।
एक्सपर्ट ने कहा कि आपको यह महसूस कराया गया है कि आप काफ़ी अच्छे नहीं हैं और लगातार इस बात की चिंता करते हैं कि आप दूसरों के लिए काफ़ी नहीं हैं। आपके जीवन में तनाव और चिंता का स्तर बढ़ गया है और आप आत्मविश्वास और आत्म-संदेह से जूझ रहे हैं, जिससे खुद पर भरोसा कम हो रहा है तो आप ज्यादा सोच विचार करने लगते हैं।
मैगी ने ज्यादा सोचने को कम करने के कुछ उपाय बताते हुए कहा कि ध्यान भटकाना बहुत मददगार हो सकता है। ऐसी चीज़ें खोजें जो आपकी ऊर्जा को खत्म कर दें (ज़्यादा सकारात्मक तरीके से) या आपका ध्यान भटका दें। इसके अलावा उन्होंने लोगों को ध्यान और साँस लेने के व्यायाम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ध्यान/साँस लेना आपके मस्तिष्क की रसायन विज्ञान को बदल सकता है, जब इसे सही तरीके से किया जाए।
मैगी ने आग कहा कि अपने नकारात्मक विचारों को पहचानें और उन्हें चुनौती दें। क्या आपके विचारों के लिए कोई सबूत है? क्या संभावना है कि यह सच हो जाए? हम विचार को कैसे फिर से परिभाषित कर सकते हैं? उदाहरण के लिए, मैं बहुत असफल हूँ बदलकर किसके मानक से मैं असफल हो रहा हूँ? क्या किसी ने मुझे वास्तव में असफल कहा है? क्या ऐसे समय का कोई सबूत है जब मैं असफल नहीं हुआ हूँ? और एक मुकाबला करने का तरीका यह हो सकता है कि यह मेरे लिए वाकई मुश्किल है, लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रहा हूँ। और यह काफी है।
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मैगी ने लोगों को जर्नलिंग/अपने विचारों को लिखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह आपके दिमाग से बेचैनी भरी भावनाओं और विचारों को निकालकर कागज़ पर उतारने में मदद करता है। उन्होंने आगे कहा, 'एक "चिंता का समय" निर्धारित करें। सचमुच 5-10 मिनट के लिए एक टाइमर सेट करें और उस पूरे समय के लिए खुद को चिंता करने दें। और एक बार जब टाइमर बंद हो जाता है, तो आगे बढ़ जाएं।'
मैगी ने लोगों से कहा कि बड़ी तस्वीर को देखने की कोशिश करें। क्या यह चिंता एक हफ़्ते में मायने रखेगी? एक महीने में? एक साल में? कृतज्ञता का अभ्यास करें। एक और कौशल जो सचमुच आपके मस्तिष्क के रसायन विज्ञान को बदल सकता है। थेरेपी पर जाएँ! अपने अति-विचार की उत्पत्ति और सामना करने में आपकी मदद करने के लिए अधिक विशिष्ट और व्यक्तिगत तरीकों को जानने के लिए!