फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय लाइफ साइंस डेटा केंद्र देश को समर्पित
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी–गर्व (बायोटेक-प्राइड) दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत में सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान से उत्पन्न सभी लाइफ साइंस डेटा को संग्रहीत करना आईबीडीसी के लिए अनिवार्य किया गया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा, डॉ जितेंद्र सिंह ने फरीदाबाद, हरियाणा में निर्मित राष्ट्रीय लाइफ साइंस डेटा केंद्र - इंडियन बायोलॉजिकल डेटा सेंटर (IBDC) बृहस्पतिवार को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), भुवनेश्वर स्थित डेटा 'आपदा रिकवरी' साइट के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सहयोग से आईबीडीसी की स्थापना क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी), फरीदाबाद में की गई है।
इस केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी–गर्व (बायोटेक-प्राइड) दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत में सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान से उत्पन्न सभी लाइफ साइंस डेटा को संग्रहीत करना आईबीडीसी के लिए अनिवार्य किया गया है।
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आईबीडीसी में लगभग चार पेटाबाइट डेटा भंडारण क्षमता है, और इसमें उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) सुविधा 'ब्रह्म' भी शामिल है। गहन कम्प्यूटेशनल विश्लेषण में रुचि रखने वाले शोधकर्ताओं के लिए आईबीडीसी में कम्प्यूटेशनल आधारभूत ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) भी उपलब्ध कराया गया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि आईबीडीसी ने दो डेटा पोर्टलों के माध्यम से न्यूक्लियोटाइड डेटा सब्मिशन सेवाएं शुरू की हैं। 'इंडियन न्यूक्लियोटाइड डेटा आर्काइव (आईएनडीए)’ तथा 'इंडियन न्यूक्लियोटाइड डेटा आर्काइव-कंट्रोल्ड एक्सेस (आईएनडीए-सीए)' भारत की 50 से अधिक प्रयोगशालाओं की दो लाख से अधिक प्रस्तुतियों से, 200 बिलियन से अधिक आधार एकत्रित कर चुके हैं।
यह केंद्र आईएनएसएसीओजी (INSACOG) प्रयोगशालाओं से उत्पन्न जीनोमिक निगरानी डेटा के लिए एक ऑनलाइन 'डैशबोर्ड' की भी व्यवस्था करता है। यह डैशबोर्ड पूरे देश में अनुकूलित डेटा प्रस्तुतिकरण (सब्मिशन), पहुँच (एक्सेस), डेटा विश्लेषण सेवाएं और रीयल-टाइम सार्स कोव-2 वायरस निगरानी सुविधा प्रदान करता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वक्तव्य में बताया गया है कि अन्य डेटा प्रकारों के लिए भी डेटा सब्मिशन और एक्सेस पोर्टल विकसित किए जा रहे हैं, और उन्हें शीघ्र ही प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
गहन कम्प्यूटेशनल विश्लेषण से जुड़े शोधकर्ता डेटा केंद्र का उपयोग करने के लिए अपने अनुरोध [email protected] पर भेजकर केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। आईबीडीसी डेटा जमा करने में उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए नियमित कार्यशालाएं और ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित करता है। आईबीडीसी में डेटा जमा करने के लिए वीडियो ट्यूटोरियल डेटा सेंटर की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
(इंडिया साइंस वायर)
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