ध्यान केंद्रित करने में कैसे मदद करता है मस्तिष्क का मध्य भाग
भारतीय विज्ञान संस्थान के सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर देवराजन श्रीधरन ने बताया कि “मानव मस्तिष्क में लगातार सूचनाएं प्रवाहित होती रहती हैं। ध्यान मस्तिष्क से जुड़ी एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रासंगिक सूचनाओं को संसाधित करती है और किसी तरह के भटकाव से बचाने में मदद करती है।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (इंडिया साइंस वायर): किसी कार्य को पूरा करने के लिए उस पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। वैज्ञानिक इस बात की गहराई में जाने का प्रयास लंबे समय से कर रहे हैं कि मनुष्य का दिमाग ध्यान की प्रक्रिया को नियंत्रित कैसे करता है। एक नए अध्ययन में भारतीय वैज्ञानिकों ने एडवांस इमेजिंग और मॉडलिंग तकनीक की मदद से पता लगाया है कि मस्तिष्क का मध्य भाग ध्यान को नियंत्रित करने में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क में ऐसे व्हाइट मैटर फाइबर्स का पता लगाया है, जो मस्तिष्क के मध्य भाग सुपीरियर कॉलिकुलस को दिमाग के बाहरी आवरण समेत उसके अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि सुपीरियर कॉलिकुलस ध्यान प्रक्रिया में शामिल सेरेब्रल कॉर्टेक्स के एक हिस्से पैराइएटल कॉर्टेक्स से जुड़ा होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सुपीरियर कॉलिकुलस-कोर्टेक्स की कनेक्टिविटी व्यक्तियों में ध्यान (Attention) के केंद्रित होने और उसके भटकाव को प्रभावित कर सकती है।
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इस अध्ययन में दो तरह के प्रयोग किए गए हैं। इनमें से एक प्रयोग में 22 प्रतिभागियों के व्यवहार का अध्ययन किया गया है। इसके लिए अधिक ध्यान केंद्रित करने वाले कार्यों के दौरान प्रतिभागियों में सुपीरियर कॉलिकुलस की स्थिति का आकलन किया गया है। दूसरे प्रयोग में, कुल 82 प्रतिभागियों में सुपीरियर कॉलिकुलस की संरचना का अध्ययन किया गया है। इसके लिए डिफ्यूजन रिजोनेंस इमेजिंग और थ्रीडी मॉडलिंग तकनीक ट्रैक्टोग्राफी का उपयोग किया गया है। अंततः इन दोनों प्रयोगों के परिणामों के विश्लेषण के आधार पर निष्कर्ष निकाले गए हैं।
बंगलूरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन शोध पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित किया गया है।
भारतीय विज्ञान संस्थान के सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर देवराजन श्रीधरन ने बताया कि “मानव मस्तिष्क में लगातार सूचनाएं प्रवाहित होती रहती हैं। ध्यान मस्तिष्क से जुड़ी एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रासंगिक सूचनाओं को संसाधित करती है और किसी तरह के भटकाव से बचाने में मदद करती है। सही निर्णय लेने में ध्यान की भूमिका काफी अहम होती है। मस्तिष्क में ध्यान प्रक्रिया कैसे काम करती है और यह मानव व्यवहार को कैसे नियंत्रित करती है, इसके बारे में विस्तृत समझ विकसित हो जाए तो वैज्ञानिकों को हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर जैसे ध्यान विकारों से निपटने में मदद मिल सकती है।”
व्यापक रूप से ध्यान का संबंध मस्तिष्क के ऊतकों की बाहरी आवरण से होता है, जिसे सेरेब्रल कॉर्टेक्स कहा जाता है। संज्ञानात्मक क्षमता, विचारों, भाषा और चेतना के निर्धारण में इसकी भूमिका अहम होती है। लेकिन, अब वैज्ञानिक ध्यान प्रक्रिया के सूत्रों की तलाश मस्तिष्क के मध्य भाग सुपीरियर कॉलिकुलस में भी तलाशने का प्रयास कर रहे हैं।
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शोधकर्ताओं में शामिल प्रोफेसर श्रीधरन की शोध छात्र वर्षा श्रीनिवासन ने बताया कि “सुपीरियर कॉलिकुलस क्रमिक रूप से संरक्षित मध्य मस्तिष्क की संरचना को कहते हैं। यह मस्तिष्क संरचना मछली, छिपकली और स्तनपायी जीवों समेत सभी कशेरुकी जीवों में पायी जाती है। आमतौर पर, आंखों की गति को नियंत्रित करने में सुपीरियर कॉलिकुलस की भूमिका का पता लगाने के लिए मस्तिष्क के इस हिस्से का अध्ययन किया जाता है।”
ध्यान प्रक्रिया में सुपीरियर कॉलिकुलस की भूमिका का पता लगाने के लिए कई पूर्व शोधों में बंदरों के व्यवहार का अध्ययन किया गया है। इस दौरान बंदरों को ऐसे कार्य दिए गए जिनमें ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता अधिक होती है। वैज्ञानिकों ने पाया कि सुपीरियर कॉलिकुलस में उत्तेजना होने पर बंदर सचेत रहते हैं और मस्तिष्क के इस हिस्से के निष्क्रिय होने पर उनका ध्यान भटकने लगता है। हालांकि, वैज्ञानिकों को यह नहीं पता था कि इन्सानों में सुपीरियर कॉलिकुलस ध्यान केंद्रित करने में कैसे मदद करता है।
(इंडिया साइंस वायर)
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