इस तरह अब मिनिटों में हो सकेगी बैक्टीरिया संक्रमण की जांच

bacterial-infection-test-will-now-be-done-in-minutes

बैक्टीरिया संक्रमण की जांच के लिए डॉक्टर्स द्वारा मरीज के कुछ मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं ऐसे में जब तक टेस्ट की रिपोर्ट्स नहीं आ जातीं बतौर प्रीकॉशन मरीज को एंटीबायोटिक दी जाती हैं।

एक स्वस्थ शरीर हर किसी की चाहत होती है किन्तु कई अनियमितताओं के चलते हम किसी न किसी बीमारी की चपेट में आ ही जाते हैं। शरीर के रोगग्रस्त होने पर कई बार तो पता ही नहीं चलता कि बीमारी आई कहां से। बहुत सी बीमारियां मौसमी अथवा हार्मोनल होती हैं और कई बैक्टीरिया संक्रमण से। प्रकृति में कई ऐसे बैक्टीरिया हैं जो रोग उत्पन्न करने वाले हैं, जिनसे गंभीर बीमारियां होने का खतरा होता है। निमोनिया, तपेदिक, कॉलेरा, टिटनेस, टायफायड, सिफलिस, क्षयरोग, प्लेग आदि कुछ ऐसी ही बीमारियां हैं जो रोग जनित बैक्टीरिया से फैलती हैं। 

बीमारियों के शुरूआती लक्षणों में यह पता लगा पाना मुश्किल होता है कि बीमारी की वजह बैक्टीरिया संक्रमण है या नहीं। बैक्टीरिया संक्रमण की जांच के लिए डॉक्टर्स द्वारा मरीज के कुछ मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं ऐसे में जब तक टेस्ट की रिपोर्ट्स नहीं आ जातीं बतौर प्रीकॉशन मरीज को एंटीबायोटिक दी जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बैक्टीरिया संक्रमण की पुष्टि बिना एंटीबायोटिक दिया जाना ओवर प्रेस्क्रिप्शन कहलाता है। बैक्टीरिया संक्रमण की जांच की रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन तक का समय लग जाता है और बहुत से परीक्षणों में ऐसा भी होता है कि सैंपल में बैक्टीरिया नहीं पाया जाता ऐसे में बिना वजह एंटीबायोटिक लेना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। 

इसे भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने बनाया फूलों को सुखाने के लिए नया सोलर ड्रायर

वैज्ञानिक लंबे समय से इस दिशा में प्रयासरत हैं कि क्या ऐसा संभव है कि कुछ ही मिनट में यह पता चल जाए कि बीमारी बैक्टीरिया के कारण है या नहीं। इस दिशा में हाल ही में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। वैज्ञानिक एक ऐसी डिवाइस बनाने में सफल हुए हैं जिसकी मदद से कुछ ही मिनटों में यह पता लगाया जा सकेगा कि बीमारी का कारण बैक्टीरिया संक्रमण है या नहीं। 

इस खास डिवाइस का आविष्कार पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया है। डिवाइस को विकसित करने वाली टीम में शामिल विशेषज्ञ किन वोंग बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस डिवाइस की मदद से मरीज जांच से पहले अनावश्यक ली जाने वाली एंटीबायोटिक के दुष्प्रभावों से बच सकेंगे, यह नया उपकरण अधिकतम 30 मिनट में यह पता लगा लेगा कि मरीज के शरीर में रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया मौजूद हैं या नहीं। इससे यह भी तुरंत ही पता चल जाएगा कि इस पर दवा असर करेगी या नहीं। यह डिवाइस माइक्रोटेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से सिंगल बैक्टीरिया सेल को अलग करने में सक्षम है, जिसे इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप द्वारा आसानी से जांचा जा सकता है। प्रोफेसर किन वोंग के मुताबिक यह नया उपकरण बैक्टीरिया का वर्गीकरण करने में भी सक्षम है जैसे कि कोशिका बेलनाकार है, किसी छड़ जैसी है या फिर सर्पिल। 

इसे भी पढ़ें: पानी के अलावा भी हो सकते हैं फ्लोरोसिस के कारण

पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की यह नई खोज नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज प्रोसीडिंग्स में प्रकाशित हुई है। इस आविष्कार के प्रोविजनल पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 3 साल में इस उपकरण को बाजार में लाया जाएगा। इस उपकरण का आकार छोटा करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे कि इसे अस्पतालों और डॉक्टरों के क्लीनिक में आसानी से इस्तेमाल किया जा सके।

-अमृता गोस्वामी

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़