हालात यही रहे तो पेट्रोल-डीजल के लिए भी बैंक से लोन लेना पड़ेगा
सुबह-सुबह बैंक खुलते ही जाकर अभिनव ने आसन जमाया। उसके साथ उसकी पत्नी, पत्नी की सहेली, सहेली का पति, गारंटर सभी थे। वैसे प्रबंधक जी उस दिन भी व्यस्त थे। लेकिन पहले से ही फिल्डिंग जमाकर रखने का लाभ यह हुआ कि अभिनव को कोई दिक्कत नहीं हुई।
हैलो नमस्कार जी, क्या यह पेट्रोल-डीज़ल बैंक ऑफ इंडिया की गांधीनगर शाखा है? अभिनव ने बड़ी सौम्यता के साथ अपने एरिया के लोकल बैंक को फोन लगाया। दूसरे छोर से बैंक कर्मचारी ने उत्तर देते हुए कहा- जी हाँ। बताइए मैं आपकी किस तरह से सहायता कर सकता हूँ? अभिनव ने पूछा- क्या आप मेरी बात प्रबंधक जी से करवा सकते हैं? बैंक कर्मचारी बड़ी विनम्रता के साथ बोला- सर जी क्षमा चाहता हूँ। आज प्रबंधक जी से बात नहीं हो सकती। ऑडिट का काम चल रहा है, वे बड़े व्यस्त हैं। वैसे आप प्रबंधक जी से क्या बात करना चाहते हैं? इस पर अभिनव ने अपनी दुविधा बताते हुए कहा- दरअसल बात यह थी कि मैंने हाल ही में एक कार खरीदी है। मेरी शनी कहिए या मेरी साढ़े साती कि उसके अगले दिन से पेट्रोल-डीज़ल के दाम आसमान को छू रहे हैं। अब क्या बताऊँ कार निकालना दुश्वार हो गया है। घर पर पड़ी-पड़ी सड़ रही है। ऊपर से घरवालों की झिक-झिक अलग। कार है कि बिना डीज़ल पिये एक इंच हिलने का नाम नहीं ले रही है। इसीलिए मैं अपनी कार के लिए डीज़ल लोन लेना चाहता हूँ। इसका प्रॉसेस क्या होता है, यही सब पता लगाने के लिए प्रबंधक जी से बात करना चाहता हूँ। यह सब सुनकर बैंक कर्मचारी थोड़ा चिड़चिड़ाते हुए कहने लगा- बस इतनी-सी बात के लिए आप प्रबंधक जी से बात करना चाहते हैं? वह तो मैं ही बता सकता हूँ। कोरोना का समय चल रहा है इसलिए बैंक सीमित समय के लिए काम कर रहे हैं। जब तक आप बैंक आयेंगे, फॉर्म भरेंगे तब बहुत देर हो चुकी होगी। यहाँ लोन लेने के लिए मारा-मारी चल रही है। आप एक काम कीजिए। हमारी वेबसाइट डबल्यू डबल्यू डबल्यू डॉट पी डी बी आई ऑनलाइन डॉट जी ओ वी डॉट इन से फार्म डाउनलोड कर लीजिए। उसे भर लीजिए। उसके साथ तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न, 6 माह की बैंक स्टेटमेंट, 2 पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ्स, आधार कार्ड प्रूफ, ड्राइविंग लाइसेंस प्रूफ और सरकारी नौकरी करने वाले गारंटर को साथ ले आइए। यह सब काम आप जितना जल्द करेंगे आपको उतना लाभ होगा। देर करेंगे तो लोन के बारे में भूल जाइए।
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अभिनव ने बैंक कर्मचारी को धन्यवाद कह फोन काट दिया। थोड़ी देर पहले फुले हुए गुब्बारे की तरह दिखने वाला अभिनव हवा निकलते ही सिकुड़े हुए गुब्बारे-सा दिखने लगा। लोन का प्रॉसेस सुन उसका सिर चकरा गया। पत्नी ने अभिनव को समझाते हुए कहा- कोई बात नहीं जी। मेरी एक सहेली है। उसका पति गांधीनगर शाखा के प्रबंधक को अच्छी तरह से जानता-पहचानता है। दोनों में खूब जमती है। मैंने अपनी सहेली से बात कर ली है। उसने मुझे बताया कि लोन का काम हो जाएगा। सिर्फ आप बैंक का जो प्रॉसेस है उसे पूरा कर लीजिए। यह सब सुन अभिनव सुपरमैन की तरह हवा में उड़ने लगा। उसने फटाफट बैंक का प्रॉसेस पूरा किया।
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अगले दिन सुबह-सुबह बैंक खुलते ही जाकर अभिनव ने आसन जमाया। उसके साथ उसकी पत्नी, पत्नी की सहेली, सहेली का पति, गारंटर सभी थे। वैसे प्रबंधक जी उस दिन भी व्यस्त थे। लेकिन पहले से ही फिल्डिंग जमाकर रखने का लाभ यह हुआ कि अभिनव को कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी लोग प्रबधंक जी के कमरे में ऐसे बैठे थे मानो जैसे खुद के घर में बैठे हों। ऊपर से चाय-पानी का मज़ा अलग से। लोन की बात शुरु हुई। प्रबंधक ने अभिनव को समझाते हुए कहा- आप निश्चिंत रहिए आपका काम हो जाएगा। लेकिन आपके लोन प्रॉसेस में एक समस्या है। आपका लोन एमाउंट बहुत कम है। छोटे-छोटे लोन में झिक-झिक अधिक होती है। लोन कब तक पास होगा कुछ कह नहीं सकते। मुझसे जो ऊपर के अधिकारी हैं उन्हीं के हाथों में सब कुछ होता है। तब तक आपको साइकिल चलाकर गुजारा करना होगा। अगर मंजूर है तो कहिए लोन प्रॉसेस अभी शुरु कर देता हूँ। हाँ, यदि आप लोन जल्दी चाहते हैं तो मैं आपको एक सुझाव दे सकता हूँ। आप यह लोन निजी तौर पर न लेकर अपनी कंपनी की ओर से लें। और लोन अमाउंट में शून्यों की संख्या बढ़ा दें। इससे आपको बहुत सारे फायदे होंगे। ऐसे लोन जल्दी पास कर दिए जाते हैं। बड़े लोनों में बड़े बाबुओं की बड़ी दिलचस्पी होती है। तब आप एक कार क्या अपनी कंपनी की सभी कार और अन्य गाड़ियाँ भी दौड़ा सकते हैं। खुदा न खास्ता मान लीजिए कल के दिन कुछ ऊँच-नीच हो गई तो अपने परिवार के साथ निकल जाइए फॉरेन ट्रिप पर।
-डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’
(सरकारी पाठ्यपुस्तक लेखक, तेलंगाना सरकार)
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