Mukesh Birth Anniversary: शौमैन राज कपूर की आवाज कहे जाने लगे थे मुकेश, जानिए कुछ अनसुने किस्से

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मुकेश और राज कपूर की दोस्ती काफी गहरी थी। एक-दूसरे के मुश्किल दौर में दोनों ही मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। साल 1959 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'अनाड़ी' के लिए राज कपूर को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।

हिंदी सिनेमा के मशहूर गायक मुकेश के गानों को लोग आज भी गुनगुनाते थे। सिंगर के गानों पर लोग खुद-ब-खुद झूमना शुरूकर देते हैं। आज ही के दिन यानी की 22 जुलाई को गायक मुकेश का जन्म हुआ था। भले ही आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाए गानों को आज भी लोग उतने ही चाव से सुनना पसंद करते हैं। मुकेश को अभिनेता राज कपूर की आवाज कहा जाता था। सिंगर न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी काफी ज्यादा फेमस थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर सिंगर मुकेश के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म

बता दें कि 22 जुलाई 1923 को मुकेश का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम मुकेश चंद्र माथुर था। मुकेश के पिता जोरावर चंद्र माथुर इंजीनियर थे। मुकेश को बचपन से ही गायन में रुचि थी और वह अपने क्लालमेट्स को गाना गाकर सुनाया करते थे। मुकेश ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की थी। जिसके बाद उनकी पीडब्लूडी में नौकरी लग गई थी। लेकिन वह हमेशा से फिल्मों में काम करना चाहते थे।

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ऐसे शुरू हुआ सफर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक बार मुकेश अपने रिश्तेदार मोतीलाल की बहन की शादी में गाना गा रहे थे। मुकेश की आवाज मोतीलाल को इतनी पसंद आई कि वह उनको लेकर मुंबई पहुंच गए। यहां पर मुकेश ने सिंगिंग की ट्रेनिंग ली। जिसके बाद साल 1941 में उनको फिल्म 'निर्दोष' में न सिर्फ गाने गाने का मौका मिला, बल्कि मुकेश ने इस फिल्म में एक्टिंग भी की। इसके बाद 'माशूका', 'आह', 'अनुराग' और 'दुल्हन' जैसी फिल्मों में मुकेश ने बतौर अभिनेता अभिनय किया। 

मुश्किलों भरा था फिल्मी सफर

सिंगर मुकेश ने अपने कॅरियर का सबसे पहला गाना 'दिल ही बुझा हुआ हो तो' गाया था। हालांकि इडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए मुकेश को शुरूआती दौर में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन के. एल सहगल पर उनकी आवाज का जादू इस कदर चला कि उन्होंने मुकेश को गाने का मौका दिया। बता दें कि अभिनेता राज कपूर के लिए एक-दो गाने गाने के बाद से ही मुकेश को 50 के दशक का 'शोमैन की आवाज' कहा जाने लगा था। मुकेश ने 'जीना यहां मरना यहां', 'कहता है जोकर', 'दोस्त-दोस्त न रहा', और 'आवारा हूं' जैसे हिट गाने दिए।

अवॉर्ड

मुकेश और राज कपूर की दोस्ती काफी गहरी थी। एक-दूसरे के मुश्किल दौर में दोनों ही मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। साल 1959 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'अनाड़ी' के लिए राज कपूर को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। वहीं इसी फिल्म के 'सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी' गाने के लिए राज कपूर के जिगरी यार मुकेश को भी बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।

मौत

बता दें मुकेश जब सिंगर कॅरियर की पीक पर थे, उसी दौरान वह यूएस टूर पर गए थे। इसी दौरान 27 अगस्त 1976 को महज 53 साल की उम्र में हार्ट अटैक के कारण सिंगर की मौत हो गई।

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