Meena Kumari: ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी के आखिरी दिनों में शराब बनी सहारा, खूबसूरती देख एक्टर्स भूल जाते थे डायलॉग
बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा और ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी का आज ही के दिन 31 मार्च को निधन हो गया था। वह महज 38 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई थीं। मीना कुमारी जितनी ज्यादा खूबसूरत थीं। उनकी किस्मत में उतने ही दुख लिखे थे।
बॉलीवुड की अनमोल रत्न यानी मीना कुमारी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। मीना कुमारी बला की खूबसूरत होने के साथ ही एक मंझी हुई अभिनेत्री और ट्रेजडी क्वीन थीं। लेकिन उनकी किस्मत इतनी खुबसूरत नहीं थी। आज ही के दिन यानी की 31 मार्च को उनकी मौत हुई थी और इस खूबसूरत अदाकार ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। कहा जाता है कि उनकी लाइफ में इतने स्ट्रगल थे कि जब मीना कुमारी की मौत हुई तो उनकी दोस्त रही नरगिस दत्त ने उन्हें मौत की बधाई दी थी। आइए जानते हैं मीना कुमारी की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें...
जन्म
मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1933 को मुंबई में हुआ था। उनके जन्म से पहले एक बहन और थी। मीना कुमारी के जन्म के दौरान उनके पिता अली बख्श बेटा चाहते थे। लेकिन बेटी के जन्म होने पर परिवार में किसी तरह की खुशियां नहीं मनाई गई। वहीं मीना कुमारी के पिता ने उन्हें एक अनाथालय में छोड़ दिया। लेकिन कुछ ही देर बाद पिता का दिल पसीज उठा तो वह बेटी को लेने वापस आनाथालय पहुंच गए। वहां पर मीना के पिता अली बख्श ने देखा कि बेटी के शरीर को चीटियां काट रही थीं। यह देख पिता का दिल और पसीज गया, वह उन्हें लेकर घर चले आए। मानी कुमारी के बचपन का महजबीं बानो था।
फिल्मों में करियर
महजबी बानों उर्फ मीना बचपन से गजब की खूबसूरत थीं। वहीं घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने बचपन से ही फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया था। पहले वह मां-बाप और भाई बहनों के लिए एक्टिंग कर पैसे कमाती थीं। बाद में एक्टिंग उनका शौक बन गया। मीना की खूबसूरती देख लोग अक्सर यही कहते थे कि वही है, उनकी सिंड्रेला, उनकी मोहब्बत, उनके दिल का चैन, ख्वाबों की परी और हकीकत की अप्सरा।
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साल 1939 में मीना कुमारी पहली बार निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म "लैदरफेस" में बेबी महजबीं के रूप दिखीं। विजय भट्ट ने ही उन्हें नया नाम मीना कुमारी दिया। इसके बाद साल 1952 में फिल्म बैजू बावरा ने मीवना कुमारी को बुलंदियों पर पहुंचा दिया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा। फिल्म बैजू बावरा फिल्म लोगों को इतनी पसंद आई कि यह फिल्म करीब 100 हफ्तों तक थियेटर में लगी रही।
लव स्टोरी
मीना कुमारी पर अभिनेता राजकुमार भी फिदा थे। वह मीना को देखकर अपने डायलॉग तक भूल जाते थे। लेकिन मीना कुमारी के दिल में तो कोई और ही बस चुका था। मीना कुमारी और कमाल साहब की लव स्टोरी बेहद दिलचस्प थी। कमाल साहब कुछ मुलाकातों के बाद ही मीना को अपना दिल दे बैठे थे। वह मीना से शादी करना चाहते थे। लेकिन कमाल के पहले से शादीशुदा होने के कारण मीना के पिता इस रिश्ते के खिलाफ थे। लेकिन मीना पर भी प्यार का रंग ऐसा चढ़ा कि महज 19 साल की उम्र में वह अपने पिता के खिलाफ चली गईं और कमाल साहब से गुपचुप तरीके से निकाह कर लिया। शादी के बाद कमाल चाहते थे कि वह फिल्मों में काम न करें। लेकिन उन्होंने फिल्मों में काम करने के लिए मीना पर कुछ पाबंदियां लगाई थीं।
कहीं न कहीं यह भी कहा जाता था कि वह मीना कुमारी की सफलता से असुरक्षित महसूस करने लगे थे। लेकिन मीना वह महिला नहीं थीं। जिन्हें शर्तों में बांधकर रखा जा सके। एक दशक बाद दोनों के रिश्ते खराब होते चले गए। इस रिश्ते के खराब होने का एक कारण यह भी था कि कमाल मीना को लेकर पजेसिव रहते थे। कमाल ने मीना कुमारी के मेकअप रूम में गैर मर्द की एंट्री पर सख्त पाबंदी लगाई थी। शाम को 6 बजे मीना कुमारी को घर पहुंचना होता था। इतना ही नहीं कमाल ने मीना कुमारी के पीछे एक असिस्टेंट भी लगाया था। जो उनपर नजर रखता था।
ऐसे हुआ रिश्ते का अंत
रोज-रोज के झगड़े से दोनों के बीच दूरियां आने लगी थीं। वहीं एक दिन झगड़ा ज्यादा बढ़ने पर कमाल ने मीना कुमारी को तीन तलाक दे दिया। रिश्ता टूटने के बाद मीना कुमारी ने शरबा का सहारा लिया और वह दिन-रात शराब के नशे में चूर रहने लगीं। हालांकि मीना और कमाल भले ही पति-पत्नी के रूप में साथ नहीं थे, लेकिन कमाल अमरोही की फिल्मों में काम करने के लिए अभिनेत्री के तौर पर वो हमेशा उपलब्ध थीं। मीना की जिंदगी काफी दर्द भरी जिंदगी होने के कारण ही उन्हें ट्रेजिडी क्वीन कहा जाने लगा था। फिल्म पाकीजा के रिलीज होने के 3 सप्ताह पहले वह गंभीर रूप से बीमार हो गईं। अकेलापन उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रहा था।
मौत
दिन-रात शराब के नशे में रहने वाली मीना कुमारी को लीवर सिरोसिस की बीमारी हो गई। कहा तो यहां तक जाता है कि अपने आखिरी दिनों में वह दवाइयां भी शराब से लेती थीं। मीना कुमारी जब बीमार हुईं तो नरगिस दत्त के अलावा उनके चंद दोस्तों में शामिल धर्मेंद्र भी उनसे मिलने के लिए जाते थे। मीना कुमारी आसमां वह सितारा थीं, जिस हर कोई पाना चाहता था। लेकिन महज 38 साल की उम्र में 31 मार्च 1972 को उनका निधन हो गया। हिंदी सिनेमा में मीना कुमारी अपने समय की चर्चित अभिनेत्री थीं। जिन्होंने अपनी कामयाबी का एक नायाब इतिहास रचा।
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