मुख्‍यमंत्री योगी ने चार वन्यजीव बचाव केंद्रों की आधारशिला रखी

Yogi
ANI Photo.

उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य की जिम्मेदारी कुशल, बेहतर कार्यशैली और अच्छे रिकॉर्ड वाली संस्थाओं को दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए।

लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बहिलपुरवा (चित्रकूट) वन प्रभाग, हस्तिनापुर (मेरठ) वन प्रभाग, गोपालपुर (पीलीभीत) टाइगर रिजर्व और मधवलिया (महाराजगंज) में स्थापित किए जाने वाले चार वन्यजीव बचाव केंद्रों की आधारशिला रखी।

शुक्रवार की रात यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने यहां अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए वन्‍यजीव बचाव केंद्रों का शिलान्यास किया। योगी ने इस मौके पर जोर देकर कहा कि वन्‍यजीव बचाव केंद्रों का निर्माण कार्य दो साल में पूर्ण पारदर्शिता के साथ समयबद्ध तरीके से मानकों के अनुसार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य की जिम्मेदारी कुशल, बेहतर कार्यशैली और अच्छे रिकॉर्ड वाली संस्थाओं को दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए।

उनके अनुसार केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव की स्थिति बनेगी, इससे पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों का मूवमेंट चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार की ओर होगा। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास रानीपुर वन्य जीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने का यह अच्छा अवसर है।

उन्होंने रानीपुर टाइगर रिजर्व के विकास के लिए आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि 630 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में विकसित किया जाने वाला यह प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से गंगा जी सहित सहायक नदियां अविरल और निर्मल हो रही हैं, फलस्वरूप गंगा जी में डॉल्फिन की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है। उनका कहना था कि इसके दृष्टिगत प्रदेश में एक ‘डॉल्फिन पार्क’ की स्थापना के लिए कार्ययोजना तैयार की जाये।

उन्‍होंने कहा कि लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी और अत्याधुनिक चिड़ियाघर का विकास कराया जाना है, वन, नगर विकास, आवास एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा मिलकर इसकी कार्ययोजना तैयार की जाये।

उनका कहना था कि यह नाइट सफारी प्रदेश का ही नहीं, देश का पहला नाइट सफारी होगा। उनके अनुसर इस नाइट सफारी और अत्याधुनिक चिड़ियाघर से देश के प्रकृति, वन्यजीव प्रेमियों तथा पर्यटकों को एक आकर्षक गन्तव्य उपलब्ध होगा। उन्होंने इस सम्बन्ध में प्राथमिकता पर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये।इस मौके पर योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में ईको पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं।

इन सम्भावनाओं को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना समेत कई अधिकारी और प्रमुख लोग मौजूद थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़