Yes Bank का मामला सरकार की वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित करने की क्षमता को दिखाता है: चिदंबरम
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। येस बैंक किसी भी तरह के नये ऋण का वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने येस बैंक के मामले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं विनियमित करने की सरकार की क्षमता को दिखाता है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘भाजपा 6 साल से सत्ता में है। वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘पहलेपीएमसी बैंक, अब येस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?’’
SBI should take over the loan book of YES Bank for one rupee, recover the loans, and simultaneously assure the depositors that their money will be safe and will be returned.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। येस बैंक किसी भी तरह के नये ऋण का वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।
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