भगोड़ों के संदर्भ में कर्ज को बट्टे खाते में डालने का नियम लागू नहीं होना चाहिए: चिदंबरम
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Apr 29 2020 2:46PM
न्होंन यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कांग्रेस के एक आरोप को लेकर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की ‘फोन बैंकिंग’ के लाभकारी हैं और मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सरकार को नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़े कारोबारियों के संदर्भ में कर्ज को बट्टे खाते में डालने का नियम लागू नहीं करना चाहिए। उन्होंन यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कांग्रेस के एक आरोप को लेकर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की ‘फोन बैंकिंग’ के लाभकारी हैं और मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है।
चिदंबरम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि जानबूझ कर कर्ज अदा नहीं करने वालों पर कर्ज बट्टे खाते में डालने वाला नियम लागू नहीं होना चाहिए। परंतु हम इन भगोड़ों के बारे में सवाल कर रहे हैं। वे देश छोड़कर भाग चुके हैं। आप यह नियम नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के लिए लागू क्यों कर रहे हैं।’’ पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भगोड़े लोगों के मामले में तकनीकी नियम लागू नहीं होना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि ‘24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया ‘माफ करने’ की बात स्वीकार की। इनमें भगोड़े कारोबारी चोकसी, नीरव मोदी और माल्या के नाम भी शामिल हैं।LIVE: Congress Party briefing by Shri @PChidambaram_IN, former Union Finance Minister via video conferencing https://t.co/qz2matdutU
— Congress (@INCIndia) April 29, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:
अन्य न्यूज़