Kashmir में आतंकवाद के साथ ड्रग्स का भी हो रहा सफाया, कार्यशालाओं के जरिये युवाओं का हो रहा मार्गदर्शन

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प्रभासाक्षी से बात करते हुए नशा विरोधी कार्यशाला के आयोजकों ने कहा कि कश्मीर में ऐसे अभियानों की बहुत जरूरत है इसी बात को ध्यान में रखते हुए समाज का बुद्धिजीवी वर्ग आगे आ रहा है ताकि युवाओं को भटकने से रोका जा सके।

कश्मीर में नशीली दवाओं का धंधा करने वालों पर ऐसी चोट हुई है कि घाटी अब ड्रग्स मुक्त होने वाली है। एक ओर जहां सीमा पर कड़ी सुरक्षा की वजह से बाहर से ड्रग्स नहीं आ पा रही है तो वहीं पुलिस प्रशासन की सख्ती से ड्रग्स के कारोबार से जुड़े लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई हुई है। इस सबसे कश्मीरी युवाओं को सबसे ज्यादा लाभ हुआ है क्योंकि ड्रग्स की लत लगाकर उनसे अनैतिक कार्य करवाये जाते थे। कश्मीरी युवा आज बदले माहौल में जहां मुख्यधारा के क्षेत्रों में अपना कॅरियर बना रहे हैं वहीं देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना भी उनके अंदर बलवती हुई है। इस बीच, कश्मीर में कई संस्थाएं समय समय पर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर या स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर युवाओं का मार्गदर्शन करती रहती हैं ताकि वह सद्मार्ग पर चलें। इसी कड़ी में श्रीनगर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं के अलावा डॉक्टरों, शिक्षकों और अन्य लोगों ने भाग लिया। इस कार्यशाला में नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव के बारे में तो चेताया ही गया साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में भी डॉक्टरों द्वारा परामर्श दिया गया।

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प्रभासाक्षी से बात करते हुए कार्यशाला के आयोजकों ने कहा कि कश्मीर में ऐसे अभियानों की बहुत जरूरत है इसी बात को ध्यान में रखते हुए समाज का बुद्धिजीवी वर्ग आगे आ रहा है ताकि युवाओं को भटकने से रोका जा सके। आयोजकों ने कहा कि कश्मीर में कुछ समय पहले ड्रग्स को लेकर काफी खतरनाक स्थिति थी लेकिन सरकार और पुलिस ने इस खतरे को टालने के लिए काफी प्रयास किये हैं।

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