सिख विरोधी बयान के लिये क्या राहुल अपने ‘गुरु’ पित्रोदा को निकालेंगे बाहर: जेटली
हरियाणा में शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिख विरोधी दंगों पर पित्रोदा के बयान के लिये कांग्रेस पर हमला बोला।
नयी दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगों पर सैम पित्रोदा के कथित बयान के लिये कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘अपयश का विषय’ है कि पार्टी को कोई पश्चाताप नहीं है और पूछा कि क्या राहुल गांधी इस बयान के लिये अपने ’’गुरु’’ को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। जेटली ने एक के बाद एक किये गए ट्वीट में कहा कि यह ‘अपयश का विषय’ है कि कांग्रेस पार्टी को 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिये ‘कोई पछतावा नहीं’ है।
Will the Congress President oust his 'Guru', who rubbishes the genocide of India's most patriotic community in 1984?
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) May 10, 2019
जेटली ने कहा, ‘‘सैम पित्रोदा का 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में ‘हुआ तो हुआ’ बयान कांग्रेस पार्टी की तरफ से 1984 के नरसंहार के बारे में पश्चाताप के अभाव को दर्शाता है। कांग्रेस अध्यक्ष क्या अपने ‘गुरु’ को बाहर का रास्ता दिखाएंगे, जिन्होंने 1984 में भारत के सर्वाधिक देशभक्त समुदाय के नरसंहार को खारिज कर दिया है।’’हरियाणा में शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिख विरोधी दंगों पर पित्रोदा के बयान के लिये कांग्रेस पर हमला बोला।
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मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस, जिसने अधिकतम समय तक शासन किया वह असंवेदनशील है और यह कल बोले गए तीन शब्दों से प्रकट होता है। ये शब्द यूं ही नहीं कहे गए हैं, ये शब्द कांग्रेस का चरित्र, मानसिकता और मंशा हैं।’’ उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर गुरूवार को पित्रोदा की टिप्पणी का उल्लेख करते हुये कहा, ‘‘और ये शब्द कौन से हैं .. ये हैं..हुआ तो हुआ।’’ मोदी ने कहा कि पित्रोदा गांधी परिवार के बेहद करीब हैं और राजीव गांधी के ‘बहुत अच्छे मित्र’ हैं। वह कांग्रेस के ‘नामदार’ अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘गुरु’ हैं।
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