गांधी परिवार के एक और विश्वासपात्र को बुलाया गया दिल्ली, क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गहलोत के विकल्प होंगे कमलनाथ!
कमलनाथ भी गांधी परिवार के बेहद विश्वास पात्र हैं। गहलोत के चुनाव लड़ने की असमंजस की स्थिति में गांधी परिवार कमलनाथ को आगे कर सकता है। एक ओर जहां शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। तो वही पहले नाम अशोक गहलोत का चल रहा था।
राजस्थान में राजनीतिक हलचल के बीच अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और गांधी परिवार के बेहद विश्वासपात्र माने जाने वाले कमलनाथ की इसमें एंट्री हो गई है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ को राजस्थान भेजा जा सकता है और वह अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के विधायकों के बीच में मध्यस्थता करा सकते हैं। इन सबके बीच दूसरी खबर भी निकल कर सामने आ रही है। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि राजस्थान में जिस तरीके का राजनीतिक संकट पार्टी के समक्ष खड़ा हुआ है, वह कहीं ना कहीं अशोक गहलोत के ही इशारे पर हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे अनुशासनहीनता मान रहे हैं। इतना ही नहीं, कई नेताओं ने तो सोनिया गांधी से यह भी कह दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत पर दांव लगाना अब ठीक नहीं है और उनकी उम्मीदवारी पर फिर से पुनर्विचार करना चाहिए।
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इसी के बाद से कमलनाथ के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। कमलनाथ भी गांधी परिवार के बेहद विश्वास पात्र हैं। गहलोत के चुनाव लड़ने की असमंजस की स्थिति में गांधी परिवार कमलनाथ को आगे कर सकता है। एक ओर जहां शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। तो वही पहले नाम अशोक गहलोत का चल रहा था। लेकिन राजस्थान में सियासी बवाल के बीच गांधी परिवार के यहां उनकी विश्वसनीयता कम हुई है। यही कारण है कि अब कमलनाथ पर गांधी परिवार दांव लगा सकता है। 2018 में मध्य प्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव हुए थे और कांग्रेस में सफलता हासिल की थी। वहां भी कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायक लगातार आलाकमान पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बना रहे थे।
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राजस्थान में पूरा का पूरा बवाल तब शुरू हुआ जब दिल्ली से 2 पर्यवेक्षक राज्य के दौरे पर गए थे। इनमें मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन शामिल थे। कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक प्रस्तावित हुई थी। लेकिन इस बैठक में विधायक नहीं पहुंचे थे। इसके बाद से पूरा बवाल शुरू हो गया। खबर तो यह है कि 90 से अधिक विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं, अशोक गहलोत फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस की बात करें तो अशोक गहलोत का विकल्प दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक भी बन सकते हैं। इन्हें भी संभावित सूची में रखा गया है। वहीं, शशि थरूर के 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करने की खबर है।
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