किसानों के सुझावों को बजट में देंगे प्राथमिकता -मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। किसानों को मिचुअल कार्पोरेशन से आगे बढ़ना होगा, जिसके तहत प्रोग्रेसिव किसान अन्य किसानों को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे और उन्हें प्रशिक्षित करेंगे, तो सरकार ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही फार्मर वेल्फेयर फंड व मिचुअल फंड जैसी व्यवस्था बनाने पर भी बल दिया जाएगा।
चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से सीधी बात कर कृषि क्षेत्र के विकास में बजट प्रावधान के लिए उनके सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा जो भी जरूरी सुझाव आएंगे, उनका अध्ययन कर बजट में प्रमुखता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन क्षेत्र से संबंधित किसानों, हित धारकों से बजट पूर्व परामर्श के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे। इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से कृषि एवं कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल व सभी जिलों से अधिकारी, किसान तथा एचएयू, लुआस व बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए इस बार बेहतर बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इस बजट में कृषि क्षेत्र के विकास व किसानों की आय बढ़ाने जैसे विषयों पर अधिक फोकस किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। किसानों को मिचुअल कार्पोरेशन से आगे बढ़ना होगा, जिसके तहत प्रोग्रेसिव किसान अन्य किसानों को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे और उन्हें प्रशिक्षित करेंगे, तो सरकार ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही फार्मर वेल्फेयर फंड व मिचुअल फंड जैसी व्यवस्था बनाने पर भी बल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में 1.80 लाख रूपए वार्षिक आमदनी वाले परिवारों को आयुष्मान योजना के तहत कवर करेगी, जिसमें प्रदेश के 3 एकड़ तक किसानों के भी आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसान अधिक से अधिक एफपीओ बनाएं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में कोल्हू से गुड़ व खांड बनाने जैसे छोटे-छोटे उद्योग भी लगाए जा सकते हैं। इससे किसान धान जैसी फसलों की बजाय गन्ना उत्पादन की ओर आएंगे। इसी प्रकार विभिन्न फसलों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के प्रयासों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धान व गेहूं जैसी परंपरागत खेती की बजाय किसानों को आधुनिक खेती की ओर बढ़ाया जाएगा। किसानों को फसल विविधिकरण पद्धति के तहत दलहन, बागवानी, मछली पालन जैसी खेती से लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और ऐसे किसानों को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। भूमिगत जल स्रोतों को बचाने के लिए धान की जगह अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी फार्मिंग भी अच्छा विकल्प है। प्रदेश में पशुओं की ऐसी नस्लें तैयार की जाएंगी, जिससे दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की सभी श्रेणियों में रोजगार के अपार अवसर हैं। युवाओं को प्रशिक्षित कर इस सेक्टर में रोजगार की संभावनाएं बढ़ाई जाएंगी। प्रशिक्षण प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा।
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कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बजट पूर्व परामर्श के तहत किसानों के सुझाव आमंत्रित कर अच्छा प्रयास किया गया है। इस चर्चा में किसानों ने कई अच्छे सुझाव दिए हैं। उनके विभागों से संबंधित सभी जरूरी सुझावों को सूचीबद्ध कर जल्द ही भिजवा दिया जाएगा। इस अवसर पर एसीएस टीवीएसएन प्रसाद, एसीएस सुमिता मिश्रा, प्रधान सचिव अशोक खेमका, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़, विशेष सचिव पंकज, कृषि विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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