भाजपा में फिर से होगी बिहारी बाबू की एंट्री? PM मोदी को लेकर अपने ट्वीट पर दिया यह जवाब
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य करने वाले शत्रुघ्न 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे और कांग्रेस के टिकट पर अपने पैतृक स्थान पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे।
हाल में ही अभिनेता और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक ट्वीट किया था। ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दुखी रहने वालों पर तंज कसा था। इसके बाद इस बात के कयास लगने लगे यह क्या सिन्हा घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं? हालांकि अब शत्रुघ्न सिन्हा ने सफाई दी है। अपने उस ट्वीट को एक ‘‘व्यंग्य’’ बताया है और कहा कि कांग्रेस छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ट्वीट की सफाई में कहा कि यह मनोरंजन के लिए रविवार के व्यंग्य के तौर पर कहा था। मैं हर रविवार को मनोरंजन के लिए कुछ ट्वीट करता हूं और उनसे कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न तो मुझे कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की कोई भावना है और न ही इस संबंध में मेरी कोई इच्छा है।
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आपको बता दें कि शत्रुघ्न ने रविवार को ट्वीट कर कहा था, ‘‘दुनिया में चार तरह के दुःखी लोग होते हैं। अपने दुखों से दुखी, दूसरों के दुख से दुखी, दूसरों के सुख से दुखी और बिना बात खामखां मोदी से दुखी।’’ हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब शत्रुघ्न सिन्हा ने किसी ट्वीट या वक्तव्य को लेकर सफाई दे रहे हैं। विश्लेषक यह बता रहे हैं शत्रुघ्न भाजपा में रहते हुए भी दबाव बनाने की राजनीतिक को भलीभांति किया करते थे। वह दबाव बनाने के लिए कभी विरोधियों की प्रशंसा करते थे तो कभी उनसे मुलाकात करते थे। यही काम अब वह कांग्रेस में भी कर रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य करने वाले शत्रुघ्न 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे और कांग्रेस के टिकट पर अपने पैतृक स्थान पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। बिहारी बाबू के नाम से लोकप्रिय शत्रुघ्न ने 2009 के साथ-साथ 2014 में भी भाजपा के टिकट पर इसी सीट से शानदार अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि, वह 2019 में पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से बड़े अंतर से हार गए थे। भगवा पार्टी से बाहर निकलने से पहले शत्रुघ्न ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कई परोक्ष टिप्पणियां की थीं।
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लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी के चुनाव हारने और खुद शत्रुघ्न को सबसे पुरानी पार्टी में किसी भी महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं देखा गया, मोदी पर उनकी टिप्पणी को राजनीतिक हलकों में उनकी पुरानी पार्टी तक पहुंचने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। शत्रुघ्न अभी भी कहते हैं कि उन्होंने राजनीति का ककहरा भाजपा में सीखा है और भगवा पार्टी में उनके कई ‘‘अच्छे दोस्त’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नोटबंदी और जटिल जीएसटी लागू करने जैसे कुछ मुद्दों पर नेतृत्व से असहमति जताते हुए भाजपा को छोड़ दिया था और अब भी उस पर कायम हूं।’’ कांग्रेस पार्टी के अपने भविष्य के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘‘पिछले दो संसदीय चुनावों में सांसदों की संख्या कम होने के आधार पर हमें पुरानी पार्टी को नकारना नहीं चाहिए। कांग्रेस सत्ता में वापस आ सकती है। किसी को यह नहीं भूल जाना चाहिए कि भाजपा भी एक समय दो सांसदों की पार्टी थी।
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