Pulwama हमले में शहीदों हुए करीब दर्जन भर परिवारों को क्यों नहीं मिली अभी तक नौकरी? सरकार ने संसद में दिया जवाब

Pulwama attack
ANI
रेनू तिवारी । Jul 27 2023 11:51AM

पुलवामा हमला जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमला 14 फरवरी, 2019 को हुआ था।

नयी दिल्ली। पुलवामा हमला जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमला 14 फरवरी, 2019 को हुआ था, जब पुलवामा जिले में एक जैश आत्मघाती हमलावर ने 100 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक ले जा रहे एक वाहन से उनकी बस में टक्कर मार दी थी। हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए।

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने आत्मघाती हमलावर की पहचान पुलवामा के काकापोरा के आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडर के रूप में की थी। 26 फरवरी, 2019 को 0330 बजे, मिराज 2000 भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों के एक समूह ने एलओसी के पार जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। 

इसे भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session | मणिपुर पर विरोध प्रदर्शन के लिए INDIA गठबंधन के सांसदों ने पहने काले कपड़े? सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश 

पुलवामा हमले को लेकर भारत ने भले ही बदला ले लिया हो लेकिन जो जवान शहीद हो गये उनका परिवार हमेशा के लिए सूना हो गया। शहीद हुए जवानों के परिवार में से अभी कई लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिली हैं। वह अपनी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। अब सरकार से जब संसद में पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिवार को नौकरी नहीं मिलने पर सवाल किया उस पर सरकार ने जवाब दिया हैं।  

इसे भी पढ़ें: PM Modi गुजरात के राजकोट शहर के पास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे

सरकार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 2019 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद जवानों में से करीब एक दर्जन की विधवाओं को उनकी संतान के 18 वर्ष की आयु पूरा करने की प्रतीक्षा है ताकि वे सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकें। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस घटना में शहीदों के 19 निकट परिजनों को अनुकंपाके आधार पर नौकरी दी जा चुकी है और तीन को नौकरी दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। पुलवामा में एक फरवरी 2019 कीआत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 कर्मियों की जान गयी थी। राय ने बताया कि 11 विधवाओं ने अपनी संतान के 18 वर्ष का हो जाने तक प्रतीक्षा करने का निर्णय किया है ताकि वे अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सके।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़