Prabhasakshi Exclusive: Rajnath Singh ने युद्ध की स्थिति में सभी भारतीयों से सेना के समर्थन के लिए तैयार रहने को क्यों कहा है?

Rajnath Singh
ANI

देखा जाये तो आज के दौर में संघर्षों की अप्रत्याशित प्रकृति को देखते हुए यह वक्त की जरूरत भी है कि लोगों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए ताकि जब भी देश को उनकी जरूरत पड़े तब वे सशस्त्र बलों की मदद के लिए मैदान में उतर सकें।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से हमने जानना चाहा कि पाकिस्तान और अमेरिका रक्षा संबंध और मजबूत करने पर क्यों सहमत हुए हैं? हमने पूछा कि आखिर क्यों अमेरिका के शीर्ष जनरल और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच बैठक हुई और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने भी वार्ता की? साथ ही हमने जानना चाहा कि भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जरूरत पड़ने पर एलओसी पार करने के बयान पर जिस तरह पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आई है उसे कैसे देखते हैं आप? साथ ही राजनाथ सिंह ने भारतीयों को युद्ध की स्थिति में सशस्त्र बलों का समर्थन करने के लिए तैयार रहने के लिए क्यों कहा है?

इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में कोई गर्माहट नहीं आई है। यह सिर्फ रूटीन मुलाकातें थीं। अमेरिका की दो प्रमुख चिंताएं हैं। एक- कहीं पाकिस्तान अस्थिर हुआ तो आतंकवाद इस क्षेत्र में हावी हो सकता है? दूसरा- जिस तरह चीन पाकिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और पाकिस्तान के समर्थन से अफगानिस्तान, ईरान और खाड़ी देशों से संबंध सुधार रहा है उससे अमेरिका चिंतित है। उन्होंने कहा कि जहां तक अमेरिका के शीर्ष जनरल और पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर के बीच हुई बैठक की बात है तो पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अमेरिकी मध्य कमान के प्रमुख जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला ने पाकिस्तानी सेना के अध्यक्ष जनरल मुनीर के साथ बैठक की। बयान के मुताबिक, दोनों सैन्य अधिकारियों ने आपसी हित, क्षेत्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान एवं अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग पर चर्चा की। बयान में कहा गया है कि अतिथि सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तानी सेना की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफलता और पाकिस्तान की क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए लगातार की जा रही कोशिश को स्वीकार किया और उसकी प्रशंसा की। इसके मुताबिक, दोनों पक्षों ने सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की इच्छा दोहराई।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर की गई बातचीत में नकदी संकट से गुजर रहे इस्लामाबाद की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में वाशिंगटन की मदद और अफगानिस्तान सहित अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और रिश्तों को मजबूत करने, शांति व विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि इस बारे में ब्लिंकन ने ट्वीट किया, ''अमेरिका पाकिस्तान के साथ उपयोगी, लोकतांत्रिक और समृद्ध साझेदारी का समर्थन करता है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और अफगानिस्तान सहित साझा क्षेत्रीय चिंताओं को लेकर बिलावल के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।

पाकिस्तान के विदेश विभाग के मुताबिक अमेरिका के समर्थन पर धन्यवाद देते हुए बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ हुए ‘स्टैंड बाई’ समझौते से ‘पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और विकास कार्यों को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में ढांचागत सुधार करने को प्रतिबद्ध है ताकि उसे और अधिक प्रतिस्पर्धी, कारोबार एव विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाया जा सके। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक अलग से बयान जारी कर कहा कि ब्लिंकन ने ‘‘लाभदायक अमेरिका-पाकिस्तान साझेदारी को दोहराने’’ के लिए बिलावल से फोन पर बात की। हालांकि अमेरिका ने अपने बयान में उतना सब नहीं कहा जितना पाकिस्तान ने कहा है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान की बात है तो उन्होंने साफ कहा है कि भारत अपना सम्मान और प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने को तैयार है। साथ ही उन्होंने आम नागरिकों से ऐसी स्थिति में सैनिकों के समर्थन के लिए तैयार रहने का आह्वान भी किया है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध एक साल से भी अधिक समय से चल रहा है, क्योंकि नागरिक आगे आए और युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साल से अधिक समय से चल रहा युद्ध आज के दौर में संघर्षों की अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह युद्ध लंबा खिंच गया है, क्योंकि लोग अपने हितों की लड़ाई के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं और अपनी सेना में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने लोगों से जरूरत पड़ने पर न केवल अप्रत्यक्ष रूप से बल्कि प्रत्यक्ष रूप से भी युद्ध में भाग लेने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए ताकि जब भी देश को उनकी जरूरत पड़े तो वे सशस्त्र बलों की मदद के लिए तैयार रहें। जैसे कि प्रत्येक जवान भारतीय है, उसी तरह प्रत्येक भारतीय को एक जवान की भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि रक्षा मंत्री ने सही ही कहा है कि जब भी युद्ध की स्थिति रहती है, हमारी जनता ने हमेशा हमारे जवानों का समर्थन किया है, लेकिन यह समर्थन अप्रत्यक्ष रूप से रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने कहा है कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे जरूरत पड़ने पर युद्धभूमि में सैनिकों को प्रत्यक्ष रूप से और मानसिक रूप से सहयोग करने के लिए तैयार रहें, इसके गहरे मायने हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जरूरत पड़ने पर युद्धभूमि में सैनिकों को प्रत्यक्ष और मानसिक रूप से सहयोग करने के लिए जनता से तैयार रहने का जो आह्वान किया है वह बहुत अहम है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने का जिक्र करते हुए बताया है कि वहां लोग अपने देश के हितों की रक्षा के लिए प्रशिक्षण लेकर सेना में शामिल हो रहे हैं। देखा जाये तो आज के दौर में संघर्षों की अप्रत्याशित प्रकृति को देखते हुए यह वक्त की जरूरत भी है कि लोगों को मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए ताकि जब भी देश को उनकी जरूरत पड़े तब वे सशस्त्र बलों की मदद के लिए मैदान में उतर सकें।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक राजनाथ सिंह के बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया की बात है तो वह स्वाभाविक ही थी क्योंकि उसके विदेश कार्यालय ने कहा है कि ‘‘युद्ध भड़काने वाली बयानबाजी’’ क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय का यह कहना कि पाकिस्तान किसी भी आक्रामकता के खिलाफ अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है, बिल्कुल बकवास है क्योंकि भारत सर्जिकल और एअर स्ट्राइक के माध्यम से उसे दो बार सबक सिखा चुका है।

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