कौन हैं हरियाणा के रामपाल कश्यप, जिन्हें पीएम मोदी ने हरियाणा में पहनाए जूते?

Rampal Kashyap
@narendramodi
अभिनय आकाश । Apr 14 2025 7:29PM

नरेंद्र मोदी के समर्पित अनुयायी रामपाल कश्यप ने 2009 में एक प्रतिज्ञा की थी जो उनके जीवन के अगले 14 वर्षों को परिभाषित करेगी। उनका दृढ़ विश्वास था कि एक नेता के रूप में नरेंद्र मोदी ही वह व्यक्ति हैं जो देश का भाग्य बदल सकते हैं। इस दृढ़ विश्वास के साथ, उन्होंने प्रतिज्ञा की कि जब तक मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और जब तक वे उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलते, तब तक वे जूते नहीं पहनेंगे।

हरियाणा की धरती पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने भावना और आस्था की सभी सीमाओं को पार कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए 14 साल तक नंगे पैर चलने वाले हरियाणा के कैथल निवासी रामपाल कश्यप को आखिरकार अपनी जिंदगी का सबसे यादगार पल मिल ही गया। न सिर्फ उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की, बल्कि खुद मोदी ने उनके पैरों में चप्पल पहनाई, जिससे यह एक अविस्मरणीय और ऐतिहासिक पल बन गया। नरेंद्र मोदी के समर्पित अनुयायी रामपाल कश्यप ने 2009 में एक प्रतिज्ञा की थी जो उनके जीवन के अगले 14 वर्षों को परिभाषित करेगी। उनका दृढ़ विश्वास था कि एक नेता के रूप में नरेंद्र मोदी ही वह व्यक्ति हैं जो देश का भाग्य बदल सकते हैं। इस दृढ़ विश्वास के साथ, उन्होंने प्रतिज्ञा की कि जब तक मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और जब तक वे उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलते, तब तक वे जूते नहीं पहनेंगे। 

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अपने वचन के अनुसार, रामपाल हर मौसम में नंगे पैर चलते रहे, चाहे वह गर्मी की कड़ी धूप हो, सर्दियों की कड़ाके की ठंड हो या मानसून की मूसलाधार बारिश। एक दशक से भी ज़्यादा समय से जिस पल का इंतज़ार किया जा रहा था, वह आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी के हरियाणा दौरे के दौरान आ ही गया। मंच पर मीडिया और समर्थकों की भीड़ के सामने रामपाल को प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बुलाया गया। बेहद भावुक अंदाज़ में मोदी ने झुककर रामपाल के पैरों में चप्पलें रखीं। पूरा दर्शक वर्ग भावुक हो गया और माहौल में भी भावनाएँ उमड़ पड़ीं। अपने शांत स्वभाव के लिए मशहूर प्रधानमंत्री मोदी भी इस पल से अभिभूत नज़र आए। 

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भावनात्मक मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एकत्रित भीड़ के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह व्रत सिर्फ़ मेरे लिए नहीं था, यह उन लोगों की सामूहिक शक्ति को दर्शाता है जो हमारे देश को नई दिशा देने में विश्वास करते हैं। 14 साल तक नंगे पैर चलना आसान नहीं है; यह त्याग और अटूट आस्था का चरम है। इस पल से अभिभूत रामपाल को आंसू बहाते हुए अपना आभार व्यक्त करते देखा गया। उनके अटूट विश्वास और भक्ति को आखिरकार न केवल प्रधानमंत्री बल्कि भारत के लोगों ने भी मान्यता दी। यह मुलाकात नेता और उनके अनुयायियों के बीच गहरे संबंध की याद दिलाती है, और कैसे आस्था के ऐसे कार्य समय और स्थान से परे हो सकते हैं।

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