कौन है बंगाल के DGP राजीव कुमार? जिनके लिए कभी धरने तक पर बैठ गई थीं ममता बनर्जी

mamata bengal DGP
ANI
अंकित सिंह । Mar 18 2024 4:18PM

टीएमसी नेता ने कहा कि वे अपने राज्य संगठन को साधने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें पता है कि चुनाव में पश्चिम बंगाल की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी की हार होगी। इसलिए, उनका संगठन बहुत खराब है, बहुत कमजोर है... हमें विश्वास है, भाजपा कुछ अधिकारियों का तबादला कर सकती है लेकिन जनता तृणमूल कांग्रेस और दीदी के साथ है। टीएमसी फिर से बीजेपी को हरा देगी।

राजीव कुमार के नेतृत्व वाले चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को हटाने का आदेश दिया। चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से आज शाम पांच बजे तक कुमार के स्थान पर तीन योग्य अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है। टीएमसी ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ईसीआई आदि संस्थाओं को हथियाने की पूरी कोशिश कर रही है। वे केवल अपने राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए उनकी नौकरी हथियाने और निगरानी करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। तो उनके प्रोग्राम के अनुसार, उनकी प्लानिंग के अनुसार, अलग-अलग राज्यों की रिक्वेस्ट के अनुसार उन्होंने ये किया है। 

इसे भी पढ़ें: चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, यूपी-गुजरात समेत 6 राज्यों के गृह सचिवों को हटाने का आदेश, बंगाल के DGP भी नपे

टीएमसी नेता ने कहा कि वे अपने राज्य संगठन को साधने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें पता है कि चुनाव में पश्चिम बंगाल की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी की हार होगी। इसलिए, उनका संगठन बहुत खराब है, बहुत कमजोर है... हमें विश्वास है, भाजपा कुछ अधिकारियों का तबादला कर सकती है लेकिन जनता तृणमूल कांग्रेस और दीदी के साथ है। टीएमसी फिर से बीजेपी को हरा देगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इतना करीबी क्यों माना जाता है?

इसे भी पढ़ें: Kolkata Building Collapse| कोलकाता में निर्माणाधीन इमारत ढही, दो लोगों की मौत, कई के दबे होने की संभावना

कौन हैं पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार?

- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले राजीव कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

- दिसंबर 2023 में मनोज मालवीय की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें डीजीपी नियुक्त किया गया था।

- इससे पहले, वह कोलकाता पुलिस और बिधाननगर पुलिस के प्रमुख के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का भी नेतृत्व किया और सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया।

- 2019 में, सीबीआई ने कुमार पर मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व करते हुए सारदा घोटाले की जांच में सबूतों को कथित रूप से दबाने और नष्ट करने का आरोप लगाया।

- सारदा घोटाले में आरोप को लेकर फरवरी 2019 में सीबीआई के आरोप और कुमार के घर की तलाशी के बाद, ममता बनर्जी दो दिवसीय धरने पर बैठीं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें संघीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी से सुरक्षा दिए जाने के बाद उन्होंने प्रदर्शन बंद कर दिया।

- वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान, निर्वाचन आयोग ने उन्हें कोलकाता पुलिस कमिशनर के पद से स्थानांतरित करने का फैसला किया, लेकिन लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें बहाल कर दिया। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़