'22 तारीख का क्या है महत्व', BJP पर वार करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ये धर्म के नाम पर लोगों से वोट मांगेंगे
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मेरा प्रश्न यह है कि द्रौपदी मुर्मू को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया, उन्हें क्यों संसद के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया? क्या आप जानबूझकर द्रौपदी मुर्मू को किनारे रखते हैं? आपके दिल में क्या है?
एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने राम मंदिर के बहाने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि 22 तारीख का क्या है महत्व? क्या 22 जनवरी का भगवान राम से है कोई कनेक्शन? उन्होंने कहा कि 1970 में चुनाव में भगवान राम का नाम लिया गया था और तब से लेकर आज तक हर चुनाव भगवान राम के नाम पर ही लड़ा जाता है...हम 22 जनवरी को दर्शन क्यों करें, 23 या 24 को दर्शन करेंगे, ऐसा कहां हुआ निमंत्रण की बात कहां से आई?
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इसके साथ ही उन्होंने और भी सवाल पूछे। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मेरा प्रश्न यह है कि द्रौपदी मुर्मू को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया, उन्हें क्यों संसद के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया? क्या आप जानबूझकर द्रौपदी मुर्मू को किनारे रखते हैं? आपके दिल में क्या है? आप महिलाओं का सम्मान नहीं करना चाहते। इससे पहले उन्होंने यह भी कहा कि मुझे आज भी इस बात का दुख है कि बाबा साहब अंबेडकर को न्यायपालिका में भी आरक्षण रखना चाहिए था, मैं नहीं कहूंगा क्योंकि तब विवाद खड़ा हो जाएगा, कुछ फैसले ऐसे आते हैं, उनमें जातिवाद की बू आती है, ऐसी उम्मीद नहीं थी न्यायपालिका से। यह निष्पक्ष हो, यह जाति व्यवस्था से बाहर हो, ऐसी संविधान की अपेक्षा है, क्या ऐसा होता है?
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि आज से 40-45 दिन बाद चुनाव की घोषणा हो जाएगी। 22 जनवरी के बाद भाजपा के लोग प्रसाद बांटने के लिए निकलेंगे। राम मंदिर को मुद्दा बनाएंगे और धर्म के नाम पर लोगों से वोट मांगेंगे। उन्होंने कहा कि पहली बार मंदिर का ताला राजीव गांधी ने खुलवाया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जहां राम मंदिर का मूर्ति मिला था, वहां तो प्राण प्रतिष्ठा हो ही नहीं रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि न्योता की जरूरत क्यों और आप कौन होते हैं न्योता देने वाले?
यह वहीं जितेंद्र आव्हाड हैं जिन्होंने भगवान राम को मांशाहारी बताया था। हालांकि, बाद में माफी मांग ली थी। आपको बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि वह कार्यक्रम के बाद और निर्माण पूरा होने पर दर्शन के लिए जाने की योजना बना रहे हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखे पत्र में, पवार ने निमंत्रण के लिए अपनी सराहना व्यक्त की। पवार ने अपने पत्र में कहा, "मैं 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पाकर बहुत खुश हूं।"
#WATCH | NCP-Sharad Pawar faction leader, Dr.Jitendra Awhad says "What is the significance of 22nd? Is there any connection between Lord Ram on 22nd January? Lord Ram's name was used in the election in 1970, and since then till today every election is fought in the name of Lord… pic.twitter.com/nMOxEkCmvv
— ANI (@ANI) January 17, 2024
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