कृपया फर्जी खबरें फैलाना बंद करें, TMC सांसद ने वंदे भारत को लेकर ऐसा क्या ट्वीट किया, रेल मंत्रालय ने ट्रेन का पूरा गणित समझा दिया
रेल मंत्रालय ने कहा कि हमने लंबी ट्रेनें बनाने के लिए कोचों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी है, जिससे अनुबंध में कोचों की कुल संख्या स्थिर बनी हुई है। ऐसा सफर करने की बढ़ रही डिमांड के कारण किया गया है।
मोदी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़े करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं की तरफ से कई सारे इल्जाम लगातार लगाए जाते रहते हैं। वहीं वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लेकर एक नया आरोप तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले की तरफ से लगाया गया। टीएमसी सांसद ने दावा किया मोदी सरकार ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को बनाने में 58000 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को संशोधित किया है और इस फैसले से पहले एक ट्रेन की कमत दोगुनी बढ़ गई है। इस दावे के बाद पर रेल मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया आई है। रेल मंत्रालय ने गोखले के दावों का खंडन करते हुए उनसे गलत सूचना न फैलाने का आग्रह किया। रेल मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कृपया गलत सूचना और फर्जी खबरें फैलाना बंद करें। कोच की संख्या से गुणा की गई प्रति कोच लागत ट्रेन की लागत के बराबर होती है। आगे साफ-साफ बताया गया कि स्लीपर परियोजना में, पूरे प्रोसेस में पारदर्शिता के कारण प्रति कोच लागत सभी बेंचमार्क से कम है।
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रेल मंत्रालय ने कहा कि हमने लंबी ट्रेनें बनाने के लिए कोचों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी है, जिससे अनुबंध में कोचों की कुल संख्या स्थिर बनी हुई है। ऐसा सफर करने की बढ़ रही डिमांड के कारण किया गया है। ट्वीट में बताया गया कि पहले 200 ट्रेन, 16 कोच के साथ थीं यानी 3200 कोच के साथ। वहीं संशोधन के बाद 133 ट्रेन बनेंगी 24 कोच के साथ यानी कुल कोच होंगे 3192। रेल मंत्रालय ने कोच की संख्या साझा करते हुए बताया कि असलियत में कॉन्ट्रैक्ट की कीमत बढ़ी नहीं बल्कि घटी है क्योंकि ट्रेन की लेंथ बढ़ा दी गई है।
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दरअसल, टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि पहले जिस ट्रेन की लागत ₹290 करोड़ थी, अब उसकी लागत ₹436 करोड़ होगी। यह केवल एसी कोच वाली ट्रेन है, जिसे गरीब लोग वहन नहीं कर सकते। उन्होंने आगे पूछा, वंदे भारत अनुबंध में 50% लागत वृद्धि से किसे लाभ हो रहा है।
Please stop spreading misinformation and fake news.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) September 16, 2024
Cost per coach multiplied by number of coaches equals the cost of train.
In sleeper project, cost per coach is lower than all benchmarks because of the transparency in process.
We have increased the number of coaches from… https://t.co/tLUmUsGx5x
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