Prabhasakshi Exclusive: France दंगों ने दुनिया को क्या संदेश दिया? क्या अब कोई देश Muslim Refugees को पनाह देगा?
ब्रिगेडियर डीएस त्रिपाठी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि फ्रांस में कुछ लोगों ने मारे गये युवक के परिजनों के लिए चंदा इकट्ठा किया मगर उससे ज्यादा राशि उन लोगों ने एकत्रित कर ली जिन्होंने कानून तोड़ने वाले युवक को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी के परिजनों की सहायता के लिए अभियान चलाया था।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से इस सप्ताह हमने जानना चाहा कि फ्रांस में जो बवाल हुआ, वह विश्व के अन्य देशों के लिए क्या संदेश है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि फ्रांस में जो कुछ हुआ उसकी विश्व में किसी ने कल्पना नहीं की होगी। एक खूबसूरत और समृद्ध देश को जिस तरह आग के हवाले किया गया वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। फ्रांस में हिंसा और आगजनी की जो खबरें आ रही हैं उससे पूरी दुनिया हैरान है। हाल ही में यहां पेंशन सुधारों के विरोध में लंबे समय तक हिंसक प्रदर्शन हुए थे और कुछ दिनों पहले ही शांति हुई थी। लेकिन अब एक नाबालिग लड़के के खिलाफ पुलिस की निर्मम कार्रवाई ने लोगों को उद्वेलित कर दिया जिससे वह सड़कों पर उतर कर हंगामा करने लगे। लेकिन इस हंगामे ने दुनिया को इस बात के लिए सतर्क कर दिया है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में रिफ्यूजियों को अपने यहां बसने देना चाहिए? क्या शरणार्थियों को ज्यादा अधिकार और सुविधाएं दी जानी चाहिए? फ्रांस में बाहर से आकर बसे लोगों ने जिस तरह देश में हंगामा किया वह पूरी दुनिया के लिए बड़ा संदेश है। उन्होंने कहा कि जिस धर्म से ताल्लुकात रखने वालों ने फ्रांस में यह सब किया उन्होंने अपने समाज से जुड़े शरणार्थियों के लिए दुनिया के अन्य देशों में परेशानी खड़ी करने का काम भी किया है।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि फ्रांस में कुछ लोगों ने मारे गये युवक के परिजनों के लिए चंदा इकट्ठा किया मगर उससे ज्यादा राशि उन लोगों ने एकत्रित कर ली जिन्होंने कानून तोड़ने वाले युवक को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी के परिजनों की सहायता के लिए अभियान चलाया था। उन्होंने कहा कि यह संकेत है कि फ्रांस की जनता कानून का शासन चाहती है। इसके अलावा जिस तरह फ्रांस की आम जनता ने हंगामा करने वालों का विरोध सड़कों पर उतर कर किया उससे यह भी प्रदर्शित हुआ कि देश के मूल निवासी एकजुट हैं।
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