ये कैसा आईफा-बाईफा अवार्ड मध्यप्रदेश को इसकी क्या जरूरत- गोपाल भार्गव

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दिनेश शुक्ल । Feb 4 2020 7:41AM

आईफा अवार्ड यानि इंटरनेशलन इंडियन फिल्म अकादमी अवार्ड की घोषणा के लिए मुम्बई से प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री जैक्लीन भोपाल पहुँचे थे। जहाँ मिंटो हाल में आईफा अवार्ड की घोषणा की गई। भोपाल में 21 मार्च और इंदौर में 27 एवं 29 मार्च को आईफा अवार्ड का आयोजन किया जाएगा।

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश में होने वाला आईफा अवार्ड प्रदेश की जनता के पैसो से कमलनाथ सरकार के नाकारापन, वादा खिलाफी, दलित और आदिवासियों पर बढते अत्याचारों का जश्न है। उन्होनें कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर दलितों आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे है, किसान कर्जमाफी के इंतजार में आत्महत्या कर रहे है। बेरोजगार युवा हताशा और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। कन्याएं अपनी गृहस्थी बसाने के लिए उपहार राशि का इंतजार कर रही है। संबल योजना के हितग्राही कफन सहायता, मृत्यु सहायता की आशा में रोज बैंको से खाली हाथ लौट रहे है। खाली खजाने का हवाला देकर कमलनाथ सरकार गरीबों की योजनाओं को बंद कर रही है। वहीं दूसरी ओर आईफा अवार्ड के नाम पर सरकार अपनी वाहवाही में लगी हुई है।

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में आईफा अवार्ड का आयोजन होना है। जिसकी घोषणा सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की। आईफा अवार्ड यानि इंटरनेशलन इंडियन फिल्म अकादमी अवार्ड की घोषणा के लिए मुम्बई से प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री जैक्लीन भोपाल पहुँचे थे। जहाँ मिंटो हाल में आईफा अवार्ड की घोषणा की गई। भोपाल में 21 मार्च और इंदौर में 27 एवं 29 मार्च को आईफा अवार्ड का आयोजन किया जाएगा। 

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जिसको लेकर भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इसको लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसा है। उन्होनें कहा कि गरीबों की चिंता करने की बजाय कमलनाथ सरकार फिल्म स्टारों की आवभगत में लगेगी। प्रदेश की जनता हलाकान और नाचने गाने वाले सरकारी मेहमान बनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को आईफा अवार्ड जैसे नाच गाने का शौक है, तो बड़े शहरों में जाकर अपने पैसों से अपने शौक पूरे करें। जनता की गाढ़ी कमाई ऐसे आयोजनों पर खर्च करना जनता का अपमान है। जिसे प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

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आईफा अवार्ड को लेकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि कहा कि एक तरफ सरकार खाली खजाने का रोना रो रही है। तत्कालीन भाजपा सरकार पर दोषारोपण कर रही है कि खजाना खाली छोड़ा है। लेकिन फिजूल खर्ची के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है। पता चला है कि सरकार आईफा अवार्ड पर करीब 58 करोड़ रूपए की राशि खर्च करने जा रही है। यह राशि और भी ज्यादा हो सकती है। इसकी तैयारियों के लिए सरकारी मशीनरी को लगाया गया है, लेकिन प्रदेश की कमल नाथ सरकार एक साल बीत जाने के बाद भी किसानों का कर्जमाफ नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वृद्धजनों के लिए जिलों की निराश्रित निधि के 750 करोड भी अन्यत्र खर्च कर दी। अतिथि शिक्षक पिछले 53 दिन से धरने पर बैठे है। उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है और दूसरी और सरकार का यह तर्क की आईफा से रोजगार बढेगा, यह हास्यास्पद है। 

 

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