क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जिसका 8वीं बार अस्थायी सदस्य बना भारत, क्या रहेंगे अहम मुद्दे
भारत पहली बार 1950 में गैर स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार 1 जनवरी से अस्थायी सदस्य बन गया। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी में गैर स्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था।
संयुक्त राष्ट्र यानी वो संगठन जो पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर सामाजिक प्रगति, मानवाधिकार और विश्व शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण कार्य करता है। संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है सुरक्षा परिषद। देश की सत्ता पर काबिज नरेंद्र मोदी नीत सरकार पहली ऐसी सरकार मानी जाती है जिसमें पंडित नेहरू के समाजवाद का कोई अंश नहीं है। नए साल के अवसर पर भारत को यूएनएससी का 8वीं बार अस्थाई सदस्य बन गया। भारत पहली बार 1950 में गैर स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार 1 जनवरी से अस्थायी सदस्य बन गया। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी में गैर स्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था।
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क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं, इनमें फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और चीन स्थायी सदस्य देश हैं। वहीं दस देशों को अस्थायी सदस्यता दी गई है। इनमें बेलजियम, कोडीआइवरी, डोमिनिकन रिपब्लिक, गिनी जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेूरु, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत के नाम शामिल हैं। गैर स्थायी सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है। इनकी गैर सदस्यता को चुनाव के बाद बढ़ाया जाता है। इसके लिए यूएनएससी पांच स्थायी सदस्यों की सीटों को छोड़कर हर साल पांच गैर स्थायी सदस्यों के लिए चुनाव कराती है।
भारत के लिए अहम मुद्दे
भारत की सदस्यता पर दुनिया के कई देशों की नजह टिकी है। भारत ने जिस प्रकार से चीन की चालाकियों का जवाब दिया है। उसके बाद चीन को यूएनएससी में भारत के कदम का बेसब्री से इंतजार होगा। इसके अलावा भारत की अस्थाई सदस्यता के कारण सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद को फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत की स्थिति मजबूत होगी। अपने कार्यकाल के दौरान भारत मानवाधिकारों और विकास जैसे मूल्यों को बढ़ावा देगा और बहुपक्षवाद पर जोर देगा।
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