INDIA गठबंधन के नेताओं के Manipur दौरे का क्या है निचोड़, कहीं यह सिर्फ राजनीति का हिस्सा तो नहीं था

opposition in manipur
ANI
अंकित सिंह । Jul 31 2023 2:02PM

मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली और देश के बाहर भी बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं...लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास पढ़ने के लिए कोई सुविधा नहीं है, कॉलेज के छात्र कॉलेज नहीं जा सकते।

जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर में जमीनी हालात का मौके पर आकलन करने के लिए विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर गया था। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) और सीपीएम के सांसद शामिल थे। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सांसदों ने सोमवार को समूह के नेताओं को जानकारी दी। इन सांसदों ने संसद भवन के एक कक्ष में ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं से मुलकात की। इस मौके पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता टीआर बालू, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का एक प्रतिनिधिमंडल 29 जुलाई को हिंसा प्रभावित मणिपुर पहुंचा था।

 

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स्थिति गंभीर! 

प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर की स्थिति को ''गंभीर'' बताया। उन्होंने कहा, "अगर सत्ताधारी पार्टी का कोई सांसद वहां जाकर खुद स्थिति को देखेगा तो वह आकस्मिक बयान नहीं देगा।" मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली और देश के बाहर भी बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं...लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास पढ़ने के लिए कोई सुविधा नहीं है, कॉलेज के छात्र कॉलेज नहीं जा सकते। दो समुदायों के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है...राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें बंद ली हैं। 

किसने क्या कहा

- मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि लोगों ने वहां (मणिपुर) हमारा स्वागत किया। एनडीए गठबंधन और प्रधानमंत्री मोदी को भी मणिपुर का दौरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वहां लोगों के साथ जो हुआ उससे हम निराश हैं। राज्यपाल से मुलाकात में हमने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक अखिल भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यहां आये, हम पहले दिन से यही सुझाव दे रहे हैं लेकिन पीएम गायब हैं। उनके मंत्री दिल्ली में बैठकर बयान दे रहे हैं। उन्हें वहां की जमीनी हकीकत देखने के लिए मणिपुर का दौरा करना चाहिए। 

- राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम चाहते हैं कि मणिपुर में शांति बहाल हो। हमारी एकमात्र मांग है कि दोनों समुदाय सद्भाव से रहें। मणिपुर में स्थिति खौफनाक, दर्दनाक और पीड़ादायक है। संसद में पहले ही चर्चा हो चुकी है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का दौरा करना चाहिए।

- TMC सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि हमने मणिपुर की राज्यपाल से कहा कि हम एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चाहते थे लेकिन सरकार सहमत नहीं थी इसीलिए I.N.D.I.A गठबंधन ने दौरा किया... जब PM मोदी संसद में आएंगे तब हम अपनी बात रखेंगे। 

- जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि दोनों समुदायों में असुरक्षा की भावना और विश्वास की कमी है, उन्होंने राज्य सरकार पर विश्वास की कमी व्यक्त की। उनका कहना है 3 मई के बाद से घटनाएं हुईं लेकिन राज्य सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। राज्यपाल ने कहा कि वह सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं लेकिन हम जानते हैं कि राज्यपाल के पास सीमित शक्तियाँ हैं और राज्य को चलाने की शक्ति राज्य सरकार के हाथों में है। 

- DMK सांसद कनिमोझी ने कहा कि हमने राज्यपाल को अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, वह भी चिंतित हैं और चाहती हैं कि हम केंद्र सरकार को बताएं कि हमने क्या देखा है... हम बहस के लिए कहेंगे और हम सरकार को बताना चाहते हैं कि हमने क्या देखा है और लोग भी चाहते हैं सभी दलों के नेता वहां (मणिपुर) जाएं और देखें कि क्या हो रहा है...वहां शांति वार्ता होनी चाहिए, यही एकमात्र रास्ता है।

- एनसीपी (शरद पवार गुट) सांसद पी.पी. मोहम्मद फैजल ने कहा कि हमने जो कुछ भी देखा और सुना है वह हमारी उम्मीदों से परे है...उन लोगों को हुई पीड़ा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता...अगर सरकार ने शुरू में कार्रवाई की होती तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था, सरकार मूकदर्शक बनी रही और ठीक से कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया है कि वे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लाने और इन समुदायों के नेताओं को बुलाकर एक साथ बैठाने के लिए सरकार से बात करें। 

- झामुमो सांसद महुआ माजी ने कहा कि वहां दोनों समुदाय के लोग परेशान हैं। हिंसा अभी भी जारी है...राज्यपाल ने हमसे पहल करने और समाधान निकालने को कहा। वह खुद को असहाय महसूस कर रही हैं... कल संसद में हमारी बैठक होगी जिसके बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे। 

- रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि मणिपुर की स्थिति अभी भी खराब होती जा रही है। राहत शिविरों में लोगों को दवाइयों तक की आधारभूत सुविधा नहीं मिल रही। राहत शिविरों में सुविधाओं की तत्काल आवश्यकता है... राज्यपाल से मांग की है कि तुरंत एक सर्वदलीय बैठक मणिपुर भेजी जाए ताकि स्थिति का आकलन करके भारत सरकार को सिफारिशें दी जा सकें। 

भाजपा का पलटवार

भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि विपक्ष के सांसदों द्वारा मणिपुर दौरे के बाद जो बयान आया है वो दुखद है। राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामलों में संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए, सनसनी नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री कहते हैं कि हम संसद में खुली बहस के लिए तैयार हैं लेकिन वे(विपक्ष) चर्चा से भाग रहे हैं। कल से फिर से राजनीति शुरू होगी। संसद को किस प्रकार बंद करना है यही उनकी रणनीति रहेगी। समाधान उनकी रणनीति कभी नहीं रहती। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को मणिपुर से लौटे विपक्षी दलों के सांसदों से पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा पर संसद में चर्चा में शामिल होने और यात्रा के अपने अनुभव साझा करने का आग्रह किया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने विपक्षी दलों के सदस्यों पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाया जब सरकार ने 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद राज्य में जातीय हिंसा पर बहस की पेशकश की थी। 

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इन लोगों ने किया था दौरा

मणिपुर में  विपक्षी दलों के 21 सांसद गए थे। चौधरी और गोगोई के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी से सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा से महुआ माजी, डीएमके से कनिमोझी और डी रविकुमार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोकदल से जयंत चौधरी, राजद से मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी से एनके प्रेमचंद्रन शामिल हैं। वीसीके के टी तिरुमावलवन, जेडी-यू के प्रमुख राजीव रंजन (ललन) सिंह और अनिल प्रसाद हेज, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आप के सुशील गुप्ता, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे के अरविंद सावंत, कांग्रेस से फूलो देवी नेताम और के सुरेश भी शामिल रहे। 

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