Shaurya Path में Brigadier DS Tripathi ने बताया- देश के समक्ष रक्षा-सुरक्षा की कौन-सी बड़ी चुनौतियां हैं?
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि आज बड़े देश एक दूसरे को तकनीक और हथियार देने में संकोच कर रहे हैं इसलिए रक्षा-सुरक्षा के क्षेत्र में पूर्णतया आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम उठाये हैं।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि रक्षा-सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए साल 2023 रणनीतिक रूप से किस तरह भारत के लिए महत्व रखता है? हमने यह भी जानना चाहा कि इस साल हमारे समक्ष रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कौन-सी बड़ी चुनौतियां हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि रक्षा-सुरक्षा की दृष्टि से यह वर्ष काफी महत्व रखता है क्योंकि जिस तरह के वैश्विक हालात हैं वह दर्शा रहे हैं कि चुनौतियों के स्वरूप बदल रहे हैं। ऐसे में हम तकनीक के सहारे कितना अपने को आधुनिक बना पाते हैं यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में युद्ध दिमाग से ज्यादा लड़े जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि आज बड़े देश एक दूसरे को तकनीक और हथियार देने में संकोच कर रहे हैं इसलिए रक्षा-सुरक्षा के क्षेत्र में पूर्णतया आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम उठाये हैं जिसके अच्छे परिणाम सामने आये भी हैं लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि हाल में हमने कुछ ऐसी उपलब्धियां भी हासिल की हैं जिससे दुनिया को विश्वास हो गया है कि रक्षा क्षेत्र में भारत बेहतर परिणाम हासिल करने की ताकत रखता है।
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