Solapur क्षेत्र में बीजेपी पर कम हुआ मतदाताओं का भरोसा, लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव के पहले दिया स्पष्ट संदेश

Solapur
प्रतिरूप फोटो
ANI
Anoop Prajapati । Oct 5 2024 6:44PM

सोलापुर में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रनीति सुशील कुमार शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के लगातार दो बार के जीत के क्रम को तोड़ते हुए विजय हासिल की है। सीना नदी के किनारे बसा यह शहर जिला मुख्यालय भी है। यहां पर हिंदू चालुक्यों और देवगिरि यादवों का शासन था।

सोलापुर महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रनीति सुशील कुमार शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी के लगातार दो बार के जीत के क्रम को तोड़ते हुए विजय हासिल की है। सीना नदी के किनारे बसा यह शहर जिला मुख्यालय भी है। यहां पर हिंदू चालुक्यों और देवगिरि यादवों का शासन था। बाद में यह बहमनी और बीजापुर साम्राज्य का हिस्सा बन गया। यहां आज भी मुस्लिम शासकों द्वारा बनाए गए किले के अवशेष मौजूद हैं। यहां के सिद्धेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। औद्योगिक केंद्र होने के साथ ही इस इलाके में सूती वस्त्रों का बड़े स्तर पर निर्माण किया जाता है।

लोकसभा क्षेत्र सोलापुर पूरी तरह से सोलापुर जिले के अंतर्गत ही आता है। जो मोहोल, सोलापुर सिटी नॉर्थ, सोलापुर सिटी सेंट्रल, अक्कलकोट, सोलापुर साउथ और पंढरपुर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र की मोहोल विधानसभा सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार गुट का लंबे समय से कब्जा बना हुआ है। पार्टी इस क्षेत्र में 1999 के बाद से अब तक कोई भी चुनाव नहीं हारी है। वर्तमान में पार्टी के नेता यशवंत विट्ठल माने विधायक हैं। उनके पहले उन्हीं की पार्टी के रमेश नागनाथ कदम भी मोहोल से विधायक रह चुके हैं। 

देश में हुए पहले आम चुनाव के बाद से ही अस्तित्व में आये सोलापुर सिटी नॉर्थ विधानसभा सीट पर अब तक बीजेपी और कांग्रेस के अलावा कोई भी पार्टी जीत हासिल नहीं कर सकी है। इस सीट पर 1980 के बाद से दोनों ही पार्टियों के बीच चुनावी जंग जारी है। जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी 1990 के बाद से सिर्फ 1999 में ही यहां चुनाव हारी है। फिलहाल सोलापुर सिटी नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी के विजय देशमुख का लगातार 20 साल से कब्जा बन बना हुआ है। महाराष्ट्र में 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आये सोलापुर सिटी सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र पर अब तक कांग्रेस की नेता प्रनीति सुशील कुमार शिंदे ही लगातार तीन बार से चुनाव जीतती चली आ रही हैं लेकिन वर्तमान में यह सीट खाली है क्योंकि विधायक प्रणीति शिंदे 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सोलापुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी जा चुकी हैं।

राज्य की विधानसभा में 250 नंबर से जाने जानीवाली अक्कलकोट विधानसभा सीट पर अब तक एनसीपी और शिवसेना अपना खाता भी नहीं खोल सकी हैं। अक्कलकोट में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को ही मजबूत दावेदार माना जाता है। 2019 में हुए अंतिम चुनाव में बीजेपी के सचिन कल्याण शेट्टी ने जीत दर्ज की थी। विधायक कल्याण शेट्टी के पहले इस विधानसभा क्षेत्र पर 5 साल तक कांग्रेस के सिद्धराम म्हेत्रे ने बतौर विधायक इस क्षेत्र की जनता की सेवा की थी।

राज्य की सोलापुर लोकसभा क्षेत्र की सोलापुर साउथ विधानसभा सीट को 10 साल पहले तक कांग्रेस का एक मजबूत क्षेत्र समझा जाता था। जिसकी प्रमुख वजह पार्टी का यहां 1962 से लेकर 2014 तक सिर्फ एक बार ही चुनाव हारना था, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुभाष देशमुख ने कांग्रेस के लगातार छह बार के जीत के क्रम को तोड़ते हुए जीत दर्ज की थी। उसके बाद से देशमुख का सोलापुर साउथ पर 10 साल से कब्जा बना हुआ है। इस लोकसभा क्षेत्र की पंढरपुर विधानसभा सीट राज्य में एनसीपी और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सुधाकर परिचारक के कारण भी जानी जाती है। उन्होंने यहां से 1985 से लेकर 2004 तक लगातार छह बार जीत दर्ज की थी। उनके बाद एनसीपी के ही भरत भालके ने यहां लगभग 12 साल तक राज किया है। हालांकि, 2020 में उनके निधन के बाद 2021 के उपचुनाव में बीजेपी के समाधान अवताड़े ने जीत हासिल की थी।

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