Prabhasakshi NewsRoom: Maratha Reservation की माँग हुई तेज, Maharashtra में कई जगह हिंसा और तोड़फोड़, CM Shinde कर रहे सर्वदलीय बैठक

Eknath Shinde
ANI

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों से पात्र मराठा समुदाय के सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने को कहा, ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेज होते मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए आज एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है जिसको लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को आमंत्रित नहीं किया गया है। राउत ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि महाराष्ट्र जल रहा है और शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ‘‘शर्मनाक राजनीति’’ का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है जिनका केवल एक विधायक है या जिनके पास कोई विधायक नहीं है। लेकिन 16 विधायकों और छह सांसदों वाली पार्टी को निमंत्रण नहीं दिया गया है क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) उनकी आंखों की किरकिरी बन गई है।’’ इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने केंद्र से संसद का विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य के केंद्रीय मंत्रियों को विरोध स्वरूप इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांग की कि धनगर समुदाय को भी आरक्षण मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए, ठाकरे ने सवाल किया कि वह पिछले डेढ़ साल से क्या कर रहे हैं और राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

उधर, बैठक के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि शिंदे विपक्षी नेताओं को स्थिति से निपटने के लिए सरकार की योजनाओं से अवगत कराएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। हम आपको बता दें कि मराठा आंदोलन ने राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसक रूप ले लिया है। पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखी गई हैं। मराठवाड़ा के पांच जिलों में सरकारी बस सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं, जबकि बीड के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं के आवासों को निशाना बनाया था। मुख्यमंत्री ने लोगों से हिंसा नहीं करने की अपील की है और राजनीतिक दलों से भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से बचने को कहा है जिससे स्थिति खराब हो।

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इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों से पात्र मराठा समुदाय के सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने को कहा, ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में अधिकारियों से कुनबियों के संदर्भ वाले और उर्दू तथा ‘मोड़ी’ लिपि (जिसका उपयोग पहले के समय में मराठी भाषा लिखने के लिए किया जाता था) में लिखे पुराने दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए कहा। इन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया जाएगा, प्रमाणित किया जाएगा और फिर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने 1.72 करोड़ पुराने दस्तावेजों (निजाम-काल सहित) की जांच की और उनमें से 11,530 ऐसे रिकॉर्ड पाए गए जहां कुनबी जाति का उल्लेख किया गया है। हम आपको बता दें कि कृषि से जुड़ा कुनबी समुदाय महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और समुदाय को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ मिलता है।

दूसरी ओर, जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय ‘‘अधूरा आरक्षण’’ स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस समस्या पर राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने धमकी दी कि अगर मराठा समुदाय को ‘‘पूर्ण’’ कोटा नहीं दिया गया तो वह बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर देंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी एक बयान के अनुसार, जरांगे ने बुधवार सुबह शिंदे के साथ ‘‘संतोषजनक’’ चर्चा के बाद पानी पीना शुरू कर दिया। जरांगे ने 25 अक्टूबर को दूसरी बार अनशन शुरू किया था। जरांगे ने कहा कि सरकार को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे मराठा युवाओं को ‘‘परेशान’’ नहीं करना चाहिए, अन्यथा कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी। उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की आलोचना की जिन्होंने कहा है कि बीड में हिंसा के अपराधियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोपों का सामना करना पड़ेगा। जरांगे ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा लोगों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की।

हम आपको यह भी बता दें कि महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून-व्यवस्था) संजय सक्सेना ने बीड जिले का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, जहां मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। एक अधिकारी ने बताया कि बीड में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। इसके अलावा, मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार सुबह दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री हसन मुशरिफ की एसयूवी में तोड़फोड़ की। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में मरीन ड्राइव थाने की पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। हम आपको बता दें कि मुशरिफ, उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट से संबंधित हैं। अधिकारी ने कहा कि सुबह करीब साढ़े सात बजे मराठा आरक्षण आंदोलन के दो कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई में आकाशवाणी विधायक हॉस्टल के निकट खड़ी मंत्री की एसयूवी पर लाठी-डंडे से तोड़फोड़ की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी ‘‘एक मराठा, लाख मराठा’’ के नारे लगा रहे थे।

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