वरुण गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- लखीमपुर खीरी घटना लोकतंत्र पर धब्बा, केंद्रीय मंत्री के खिलाफ हो कार्रवाई
अपने पत्र में वरुण गांधी ने यह भी कहा कि अन्य मुद्दों पर भी तुरंत फैसला किया जाना चाहिए था कि आंदोलन कर रहे किसान आंदोलन खत्म कर अपने घर लौट सके उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में हमारे साथ 100 से ज्यादा किसान भाई और बहनों की जान चली गई है फिर भी वह भी पर एक परिस्थितियों में लगातार आंदोलन करते रहे।
भाजपा सांसद वरुण गांधी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं। भाजपा में लगातार हाशिए पर चल रहे वरुण गांधी कृषि कानूनों को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साध रहे थे। इन सब के बीच आज वरुण गांधी ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी घटना को लोकतंत्र पर धब्बा बताया और इस मामले से जुड़े केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही वरुण गांधी ने अपने पत्र में आंदोलनरत किसानों के खिलाफ राजनीति से प्रेरित सभी झूठी प्राथमिकियां रद्द की जाने की भी मांग की है।
अपने पत्र में वरुण गांधी ने कहा कि सरकार को राष्ट्र हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी देने की किसानों की मांग स्वीकार करनी चाहिए। अपने पत्र में वरुण गांधी ने यह भी कहा कि अन्य मुद्दों पर भी तुरंत फैसला किया जाना चाहिए था कि आंदोलन कर रहे किसान आंदोलन खत्म कर अपने घर लौट सके उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में हमारे साथ 100 से ज्यादा किसान भाई और बहनों की जान चली गई है फिर भी वह भी पर एक परिस्थितियों में लगातार आंदोलन करते रहे। किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए वरुण गांधी ने 1 करोड़ रुपए के मुआवजे की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर कानून वापसी पहले ही हो जाता तो यह जान नहीं जाती।BJP MP Varun Gandhi writes to PM Modi "demanding a law on MSP; says "other issues must also be decided upon immediately, so our farmers can return home after ending their agitation." pic.twitter.com/F6RrQjP9ud
— ANI (@ANI) November 20, 2021
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इससे पहले किसानों के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने आरोप लगाया था कि खरीद केंद्रों में खुले आम भ्रष्टाचार हो रहा है और किसान अपना अनाज बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग करते हुए कहा कि जब तक यह नहीं किया जाता तब तक ‘‘मंडियों’’ (कृषि उत्पादों के बाजार) में किसानों का शोषण होता रहेगा। एमएसपी की कानूनी गारंटी देना तीन कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों की मांगों में से एक है।
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