उत्तर प्रदेश खनन मामला: नहीं पेश हुईं चंद्रकला, ED को सौंपे दस्तावेज
ईडी ने 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर इलाके में अवैध खनन की जांच के लिए दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
लखनऊ\नयी दिल्ली। आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला उत्तर प्रदेश में कथित अवैध खनन धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुईं, लेकिन उन्होंने ईडी कार्यालय में बृहस्पतिवार को दस्तावेज जमा कराए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चंद्रकला ने अपने कानूनी प्रतिनिधि को दस्तावेजों के साथ केंद्रीय जांच एजेंसी के लखनऊ जोनल कार्यालय भेजा और एजेंसी को यह भरोसा दिया कि वह बाद में अदालत में पेश होंगी। 2008 बैच की आईएएस अधिकारी चंद्रकला ने कहा कि वह निजी कारण से प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने में सक्षम नहीं है।
IAS officer B Chandrakala was summoned by Enforcement Directorate to their Lucknow office today in connection with illegal sand mining case of UP. B Chandrakala’s lawyer S Ahmed Saud says, “We've submitted the documents that ED had asked for. She will be appearing in due course.” pic.twitter.com/UIZj6sMMVP
— ANI UP (@ANINewsUP) January 24, 2019
ईडी ने 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर इलाके में अवैध खनन की जांच के लिए दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके बाद पिछले सप्ताह निदेशालय ने चंद्रकला को समन जारी किया था। सीबीआई ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस दौरान खनन विभाग संभाल रहे थे, इसलिए इस मामले में उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। निदेशालय ने मामले में पूछताछ के लिए चंद्रकला और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रमेश कुमार मिश्रा और अन्य को समन जारी किया था। मिश्रा को 28 जनवरी को तलब किया गया है। ईडी अब इस मामले में धन के लेन-देन का पता लगा रहा है और देख रहा है कि इन मामलों में आरोपियों ने रिश्चत के रूप में कथित तौर पर प्राप्त अवैध धन को वैध तो नहीं बनाया है।
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निदेशालय आरोपियों की धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की जा सकने वाली चल एवं अचल संपत्ति के संबंध में भी जांच करेगा। सीबीआई ने इस महीने की शुरूआत में 11 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में 14 स्थानों पर छापे मारे थे। ये छापे 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में मारे गये थे। जिन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है उनमें चंद्रकला, मिश्रा और संजीव दीक्षित (दीक्षित ने बसपा टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए) शामिल हैं। सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया था कि जांच के दौरान राज्य के तत्कालीन खनन मंत्रियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
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