Uttar Pradesh: हेट स्पीच मामले में Azam Khan को लगा बड़ा झटका, रामपुर कोर्ट ने सुनाई दो साल की सजा

Azam Khan
ANI
अंकित सिंह । Jul 15 2023 2:36PM

पूरा मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। आजम खान पर शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में हेट स्पीच देने का आरोप था। इसको लेकर 8 अप्रैल को एक मामला दर्ज कराया गया था।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हेट स्पीच मामले में उन्हें रामपुर की एक अदालत ने आज दोषी करार दिया। इसके बाद उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है। पूरा मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। आजम खान पर शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में हेट स्पीच देने का आरोप था। इसको लेकर 8 अप्रैल को एक मामला दर्ज कराया गया था। आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तत्कालीन रामपुर जिला चुनाव अधिकारी और चुनाव आयोग को निशाना बनाते हुए भड़काऊ बयान दिया था। 

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पहले भी हेट स्पीच का किया है सामना

हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब आजम खान को हेट स्पीच के मामले में दोषी करार दिया गया है। इससे पहले भी उनपर अप्रैल 2019 के हेट स्पीच के मामले में दोषी करार दिया गया था। उन्हें इस मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद आजम खान की विधायकी भी चली गई थी। हालांकि बाद में आजम खान को इस मामले में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अमित वीर सिंह से राहत मिली थी। रामपुर की विशेष एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा पारित अक्टूबर 2022 के आदेश को रद्द कर दिया गया था। हालांकि, तब तक रामपुर सीट पर उपचुनाव संपन्न हो चुके थे। 

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आजम खान की ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा वापस

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं रामपुर नगर से दस बार विधायक रह चुके मोहम्मद आजम खान को दी गई ‘वाई’ श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है। सरकार का कहना है कि अब इसकी आवश्यकता नहीं है। सुरक्षा वापस लेने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी सपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सपा ने जहां जानबूझकर सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाया वहींभाजपा ने कहा कि यह कदम एक नियमित प्रक्रिया है। रामपुर के अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संसार सिंह ने बताया कि सुरक्षा मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक का एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें उल्लेखित है कि पूर्व विधायक आजम खान को प्रदत्त ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।

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