उत्तर प्रदेश भर रहा है विकास की नई उड़ान, उपमुख्यमंत्री ने 100 दिन के काम की दी पूरी जानकारी

Keshav Prasad Maurya
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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर है। योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जा रही है। उत्तर प्रदेश विकास की नई उड़ान भर रहा है।

उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने लोक भवन में  आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 100 दिन के बनाये गये रोड मैप के अनुरूप शत प्रतिशत कार्य किया गया है। कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र के सभी वादे  पूरे किये जायेंगे। विकास कार्यों को अमली जामा पहनाने में मीडिया का भी सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा 6 माह, एक साल, 2साल और 5 साल का भी  रोड मैप तैयार किया गया है। योजना कार्यों व लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से  पूरा किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मा०प्रधानमन्त्री जी  के  विजन के अनुरूप मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर  निरंतर अग्रसर  है।योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जा रही है। उत्तर प्रदेश विकास की नई उड़ान भर रहा है। कहा कि महिला सशक्तिकरण पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मनरेगा  योजना के बारे में प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा विकास के साथ रोजगार सृजन का सफल माध्यम  बनी हैऔर उत्तर प्रदेश ग्रामोत्थान की दिशा में  लगातार अग्रसर है।

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उप मुख्यमंत्री ने  100दिन की कार्ययोजना के क्रियान्वयन की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत निर्माणाधीन 1 लाख आवासों को पूर्ण किया गया है। मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत निर्माणाधीन 8200 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत  लाभार्थी चिन्हित कर लिये गये हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना में वर्तमान वर्ष में लक्ष्य के सापेक्ष चिन्हीकरण एवं सूचीबद्धता पूर्ण कर लिया गया है। उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि  100 दिन में 50141 नए स्वयं सहायता समूहों का गठन पूर्ण कर लिया गया है और 82520 स्वयं सहायता समूहों को आर. एफ. ( रिवाल्विंग फंड) एवं सी.आई.एफ. ( कम्प्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फण्ड) की धनराशि वितरित की गयी है।202 टी. एच. आर. (टेक होम राशन ) प्लांट हेतु टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण की गयी, 3 वेंडर का एम्पनेलमेंट किया गया, 143 वर्क सईट तैयार, 112 प्लांट की आपूर्ति, 94 प्लांट स्थापित, 61 प्लांट हेतु आई. सी. डी. एस. से धनराशि प्राप्त, 13 प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं

कहा कि 436 प्रोड्यूसर ग्रुप का गठन पूर्ण कर लिया गया है। 07 प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज/फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन का गठन पूर्ण कर लिया गया है।100 दिवस में 58,000 बीसी सखी प्रशिक्षित एवं सर्टिफाइड की गयी। 38616 को सपोर्ट फण्ड निर्गत एवं 32654 क्रियाशील हो चुकी हैं। अब तक 3869.74 करोड़ का ट्रान्जेक्शन पूर्ण कर लिया गया है एवं 9.82 करोड़ का कमीशन अर्जित किया गया है। महिला सामर्थ्य योजना अंतर्गत 3 क्लस्टर्स में योजना की शुरूआत की जा चुकी है उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की संशोधित मानव संसाधन नियमावली पर भारत सरकार की सहमति प्राप्त चयन की कार्यवाही आरम्भ की गयी है। मनरेगा योजना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 39.11 लाख परिवारों को रोजगार प्रदान करते हुए 9.95 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं। 6000 तालाबों के लक्ष्य के सापेक्ष 6291 तालाब/अमृत सरोवर पर कार्य प्रारम्भ किया गया है। 2600 खेल मैदान के लक्ष्य के सापेक्ष 3251 खेल मैदान पर कार्य प्रारम्भ कर लिया गया है  तथा 15000 महिला मेट नियोजन के लक्ष्य के सापेक्ष मनरेगा योजनान्तर्गत 15169 महिला मेटों को मनरेगा कार्याे में नियोजित किया गया है। आजीविका संवर्धन से सम्बन्धित व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों हेतु 2 लाख लाभार्थियों का चयन पूर्ण कर लिया गया है। 150 लक्षित हाई-टेक नर्सरी के लक्ष्य के सापेक्ष उद्यान विभाग 21 हाईटेक नर्सरी की स्थापना की जा रही है। शेष 129 हाईटेक नर्सरी का स्थल चयन कर लिया गया है। 75 विलुप्त प्राय नदियों पर कार्य प्रारम्भ हो गया है।

 मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अन्तर्गत 100 दिन में 5000 किमी मार्गाे के निर्माण का लक्ष्य था, जिसें पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 100 दिन में 2800 किमी० सड़कों का निर्माण पीरियाडिक रिन्यूवल के अन्तर्गत पूर्ण किया गया  है।दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा 300 प्रशिक्षण सत्र के सापेक्ष 559 सत्र आयोजित किये गये हैं और 15000 प्रतिभागियों के सापेक्ष 17975 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया है।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत 14 जनपदों यथा- आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बस्ती, झांसी, गोरखपुर, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, बरेली ,सहारनपुर, कानपुर देहात, कौशांबी व मिर्जापुर में इनक्यूवेशन सेंटर्स के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है और अयोध्या, लखनऊ, बस्ती एवं आगरा में कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। कामन इन्क्यूवेशन सेंटर गोरखपुर हेतु भू परीक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र लखनऊ में नवीन मशीनों का शुभारंभ किया जा चुका है। नई मशीनों से जैविक विधि से उत्पादित औद्यानिक एवं खाद्य उत्पादों में पेस्टीसाइड एवं अन्य रसायनों का परीक्षण किया जा सकेगा। खाद्य प्रसंस्करण में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि कुकरी ,बेकरी एवं कन्फेक्शनरी तथा उद्यमिता विकास के प्रशिक्षण कराए जा रहे हैं और खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न सेक्टर में 1250 नए उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के लक्ष्य के सापेक्ष 2272 उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

प्रेसवार्ता के दौरान राज्यमंत्री ग्राम्य विकास  विजयलक्ष्मी गौतम कृषि उत्पादन आयुक्त/अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास  मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव ग्रामीण अभियंत्रण विभाग  कल्पना अवस्थी, ग्राम्य विकास, आयुक्त  जी0एस0 प्रियदर्शी मिशन निदेशक, उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन  भानु चन्द्र गोस्वामी, अपर आयुक्त (मनरेगा)  योगेश कुमार, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग  आर0के0 तोमर, निदेशक ग्रामीण अभियंत्रण विभाग  बिजेन्द्र कुमार, सूचना निदेशक  शिशिर, अपर सूचना निदेशक  अंशुमान राम त्रिपाठी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

सौर ऊर्जा प्राकृतिक प्रकाश के साथ जीने का एक सशक्त माध्यम है

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य  की अध्यक्षता में आजीविका मिशन तथा एशिया की अग्रणी संस्था काउंसिल फार एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड तथा क्लीन के साथ बुधवार को उ0प्र0 ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में एमओयू हस्ताक्षर से संबंधित कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री द्वारा विद्युत सखी पोर्टल का शुभारम्भ भी किया गया।

इस अवसर पर आजीविका मिशन तथा एशिया की अग्रणी संस्था काउंसिल फार एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड तथा क्लीन के साथ अलग-अलग बुधवार को उ0प्र0 ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में एमओयू हस्ताक्षर  किये गये।

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इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को विस्तारित करने के लिए प्रेरणा ओजस के अन्तर्गत किये जा रहे एमओयू से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के साथ ही आर्थिक उन्नति का रास्ता भी प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ ही प्रकृति द्वारा उत्पादित खनिज सम्पदा की रक्षा भी होगी।  मौर्य ने कहा कि जिन संस्थाओं के साथ एमओयू हो रहा है ,वह देश की अग्रणी संस्थायें हैं जो सौर ऊर्जा को विस्तारित करते हुए आमजन को इसके प्रयोग के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से जहां बिजली की खपत कम होगी वहीं आम जनमानस को प्राकृतिक रूप से उत्पन्न किये गये प्रकाश का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा प्राकृतिक प्रकाश के साथ जीने का एक सशक्त माध्यम है।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इस एमओयू से ग्रामीण महिलाओं को विशेषकर आजीविका मिशन से जुड़ी दीदियों के स्वरोजगार में बढ़ोत्तरी होगी तथा इससे इनका सामाजिक विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्वरोजगार कार्यक्रमों का संवर्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह की दीदियां एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अपने आपको ओजस उद्यमी के रूप में विकसित होकर मजबूत राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभायेंगी। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों को बनाने में दक्ष होते हुए एलईडी बल्ब, बीएलडीसी पंखें व ट्यूबलाइट्स इत्यादि को निर्मित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गांव-गांव में सौर ऊर्जा को पहंचाया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि आजीविका मिशन द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा ओजस के अन्तर्गत 826 ब्लाकों में प्रेरणा ओजस शॉप स्थापित किया जायेगा तथा साथ ही एसम्बली सेंटर भी स्थापित किया जायेगा ताकि सौर ऊर्जा के उत्पादों में किसी प्रकार की खराबी आने पर उसे स्थानीय स्तर पर ही ठीक किया जा सके।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने विद्युत सखी पोर्टल का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से विद्युत सखियों को एक ही प्लेटफार्म से कई कार्यों को करने में सुलभता होगी। पोर्टल के माध्यम से विद्युत सखियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रतिदिन प्रगति की समीक्षा भी हो सकेगी। इसके माध्यम से विद्युत सखी अपने प्रत्येक दिवस के कार्यों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगी। विद्युत सखियों द्वारा अभी तक 169 करोड़ रूपये बिजली का बिल जमा कराया गया इस कार्य से विद्युत सखियों को योजना के आरम्भ से अब तक 2.36 करोड़ का लाभ मिल चुका है।

 कहा कि ग्रामीण महिलायें पूरे प्रदेश  में सौर शक्ति का प्रतीक बनेंगी। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा आदर्श ऊर्जा का स्रोत है जो शुद्ध वातावरण के साथ ही साथ पारम्परिक ईंधन को भी बचाता है।   कहा कि आजीविका मिशन द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों में भी सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जायेगा इससे बिजली के बचत के साथ ही महिलाओं को आर्थिक लाभ भी होगा।

राज्य मंत्री ग्राम्य विकास,  विजय लक्ष्मी गौतम ने  विश्वास व्यक्त किया कि निश्चित रूप से इस एम ०ओ० यू० के दूरगामी   परिणाम हासिल होंगे और विकास में और अधिक रफ्तार आयेगी। इस अवसर पर मिशन निदेशक  भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि काउंसिल फार एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्लू) एशिया की अग्रणी संस्थानों में से एक है जो सौर ऊर्जा के उपकरणों को आमजनता को उपलब्ध कराती है। इस संस्था के सहयोग से प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के अन्तर्गत आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाले विभिन्न उत्पदों की बिक्री की जायेगी। इसके लिए सीईईडब्लू द्वारा एक चेन भी विकसित किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि विलग्रो संस्था सौर ऊर्जा के लिए इक्यूबेशन के माध्यम से मूलभूत सहायता तथा तकनीकी सपोर्ट प्रदान करने वाला भारत का सबसे बड़ा संस्थान है। विलग्रो ने अब तक 279 से अधिक सामाजिक उद्यमों को आत्मनिर्भर किया है। इस संस्था के द्वारा सौर ऊर्जा के प्रयोग हेतु स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाओं को सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले उपकरणों को विकसित करने में तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा तथा उद्यमों की स्थापना तथा आत्मनिर्भर होने तक सहायता प्रदान की जायेगी। इस संस्था द्वारा सौर ऊर्जा के आर्थिक गतिविधियों के बारे में भी महिलाओं को जानकारी दी जायेगी।

 गोस्वामी ने बताया कि क्लीन संस्था ओजस कार्यक्रम के लिए सेतु की भूमिका निभायी जायेगी। इस संस्था द्वारा स्वयं सहायत समूह की दीदियों को प्रदेश में सोलर उत्पादक के रूप में विकसित करने हेतु तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा तथा इनके द्वारा ओजस शॉप की स्थापना हेतु तकनीकी मदद दी जायेगी। उन्होंने बताया कि क्लीन संस्था अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र के एकीकरण और विकास के लिए कार्य कर रही है। इस संस्था द्वारा स्वयं सहायता समूह को विकेन्द्रित ऊर्जा उपकरणों के प्रसार हेतु जनपद स्तर पर प्रदर्शन करने हेतु सहायता प्रदान की जायेगी। इसके साथ ही सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए विकास खण्ड स्तर पर कार्यशालाओं को आयोजन कर आमजनता को सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों को प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। मिशन निदेशक ने बताया कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के 4 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की एक संयुक्त उद्यम कम्पनी है, जिसके द्वारा उजाला योजना के तहत सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाले बल्ब, ट्यूबलाइट, पंखा इत्यादि को निर्मित किया जाता है। इस संस्था के द्वारा स्वयं सहायता समूह की दीदियों को विभिन्न उपकरणों को बनाने तथा सौर ऊर्जा के उत्पादों को विक्रय करने हेतु प्रशिक्षित किया जायेगा।  

उन्होंने बताया कि जिन संस्थाओं से आज एमओयू हो रहा है वे संस्थायें सौर ऊर्जा को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं तथा इनके द्वारा सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरणों के प्रयोग व विक्रय पर कार्य किया जा रहा है। इन संस्थाओं के अनुभवों तथा इनकी दक्षता से अब स्वयं सहायता समूह की दीदियां दक्ष होकर प्रत्येक ब्लाकों में ओजस शॉप की स्थापना करते हुए सौर ऊर्जा के प्रयोग को गांव-गांव तक पंहुचायेंगी।

इस कार्यक्रम में एनर्जी इनवायरमेंट एण्ड वाटर के सीईओ डा0 अरूनभा घोष, क्लीन की सीईओ  रेखा कृष्णन, एनर्जी एफिसियेंसी सर्विसेज लि0 के सीईओ  अरूण कुमार मिश्रा तथा विलग्रो के सीईओ  निवास रामानुजम द्वारा प्रस्तुतीकरण कर संस्थान तथा कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम का संचालन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यक्रम संयोजक   निशिकांत दीक्षित द्वारा किया गया। इस अवसर पर आजीविका मिशन के संयुक्त निदेशक  प्रदीप कुमार, परियोजना प्रबंधक  प्रेम कुमार वास्तव, राज्य परियोजना प्रबंधक  आचार्य शेखर, राज्य परियोजना प्रबंधक मो0 अर्शी,  करूणेश सिन्हा,  नवनीत शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम तिमाही में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों के अंतर्गत 44681.4 करोड़ रूपये की प्राप्ति

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री  सुरेश कुमार खन्ना ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में माह जून 2022 में राजस्व प्राप्ति के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2022-23 के जून, 2022 माह में कुल 15259.64 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के जून, 2022 माह में 11,164.11 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार माह जून 2021 के सापेक्ष माह जून 2022 में 4095.53 करोड़ रूपए अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।

वित्त मंत्री ने बताया कि जी०एस०टी० के अन्तर्गत माह जून, 2022 में कुल 6190.33 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि गत् वर्ष जून, 2021 के माह में प्राप्ति 3481.73 करोड़ रुपए थी। वैट के अन्तर्गत माह जून, 2022 में 2808.10 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि गत वर्ष माह जून, 2021 में प्राप्ति 2033.44 करोड़ रुपए थी। आबकारी के अन्तर्गत माह जून, 2022 में कुल    3146.16 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि गत् वर्ष माह जून, 2021 में प्राप्ति 2988.96 करोड़ रुपए थी।

 

 सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि स्टाम्प तथा निबन्धन के अन्तर्गत माह जून, 2022 की राजस्व प्राप्ति 2144.07 करोड़ रूपए है जबकि गत वर्ष माह जून, 2021 में प्राप्ति 1825.40 करोड़ रुपए थी। इसीप्रकार परिवहन के अन्तर्गत माह जून, 2022 की राजस्व प्राप्ति 688.55 करोड़ रूपए है,जबकि गत् वर्ष माह जून, 2021 में प्राप्ति  591.10 करोड़ रूपए थी। उन्होंने बताया कि भू-तत्व तथा खनिकर्म के अन्तर्गत माह जून, 2022 में प्राप्ति 282.43 करोड़ रुपए है, जबकि गत वर्ष माह जून, 2021 में प्राप्ति 243.48 करोड़ रूपए थी।

 खन्ना ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम तिमाही में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 63193.82 करोड़ रूपये के सापेक्ष कुल 44681.4 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है। इसमें कर राजस्व के अंतर्गत प्रथम तिमाही में निर्धारित लक्ष्य 57635.78 करोड़ रूपये के सापेक्ष 41660.89 करोड़ रूपये प्राप्त हुए हैं, जो 72.3 प्रतिशत है। इसी प्रकार करेत्तर राजस्व के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में निर्धारित लक्ष्य 5558.04 करोड़ रूपये के सापेक्ष  3020.51 करोड़ रूपये प्राप्त हुए हैं जो 54.34 प्रतिशत है।

वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम तिमाही में मुख्य कर-करेत्तर राजस्व के अंतर्गत जीएसटी एवं वैट में कुल 23509.21 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है। इसमें वैट का हिस्स 6467.03 करोड़ रूपये है, जो प्रथम तिमाही में निर्धारित लक्ष्य का 100.3 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि प्रथम तिमाही में आबकारी के अंतर्गत 9713.48 करोड़ रूपये, स्टाम्प तथा निबन्धन में 6076.82 करोड़ रूपये व परिवहन में 2216.85 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है। इसी प्रकार भू-तत्व एवं खनिकर्म के अंतर्गत प्रथम तिमाही में 737 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुयी है।

पर्यटन मंत्री  जयवीर सिंह ने लखनऊ से वाराणसी तक सीधी हवाई सेवा के लिए केन्द्रीय विमानन मंत्री जी से किया अनुरोध

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह की पहल पर लखनऊ से वाराणसी तक सुगम आवागमन के लिए सीधे उड़ान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री  जी किशन रेड्डी ने नागर विमानन मंत्री, भारत सरकार,  ज्योतिरादित्य एम0 सिंधिया को पत्र लिखकर अनुरोध किया है। केन्द्रीय मंत्री  जी0 किशन रेड्डी ने नागर विमानन मंत्री को 17 जून, 2022 को प्रेषित पत्र में अनुरोध किया है कि पर्यटन की दृष्टि से लखनऊ से वाराणसी तक सीधी उड़ान की सुविधा उपलब्ध कराना प्रदेशवासियों तथा पर्यटकों के हित में है। इस संबंध में उन्होंने पर्यटन मंत्री  जयवीर सिंह द्वारा 28 मई, 2022 को लिखे गये पत्र का उल्लेख भी किया है।

 जयवीर सिंह ने केन्द्रीय विमानन मंत्री जी को अपने पत्र में यह भी अवगत कराया था कि लखनऊ प्रदेश की राजधानी होने के साथ-साथ ही एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी है। इसके अलावा वाराणसी मा0 प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र होने के साथ ही बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर भी विश्वविख्यात है। देशी एवं विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए लखनऊ से वाराणसी तक सीधी हवाई सेवा पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधा जनक होगी और इससे उ0प्र0 में पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

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पर्यटन मंत्री कल जनपद मैनपुरी के एक दिवसीय भ्रमण पर

 

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह कल 07 जुलाई गुरूवार को जनपद मैनपुरी के एक दिवसीय भ्रमण पर रहेंगे। इसके दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात के अलावा राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में स्थानीय प्रशासन से जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके अलावा आम जनमानस की समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक निर्देश भी देंगे।

प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पर्यटन मंत्री प्रातः 09ः00 बजे अपने सरकारी आवास से प्रस्थान कर दोपहर 12ः00 बजे निरीक्षण भवन मैनपुरी पहुंचेगे। यहां पर लोक निर्माण विभाग तथा विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इसके उपरान्त अपराह्न 01:00 बजे मैनपुरी बाईपास प्रस्तावित स्थल का लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण करेंगे। इसके उपरान्त सायं 06:00 बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।

हम सार्वभौमिक स्वच्छता की ओर बढ़ रहे है: भूपेन्द्र सिंह चौधरी

 

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री  भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि ‘गाँव को एक सक्षम इकाई बनाने के लिए उन्हे सशक्त बनाना होगा, जहाँ लोग अपने आजीविका को आगे बढ़ा सकें, जहां हमारे सम्मानित जन स्वच्छ, हरित, सुखद मनोरंजन, भाईचारे और समुचित परिवेश में पूर्ण सद्भाव एवं गरिमा के साथ रह सकें। इसी संकल्पना के अनुरुप हम अपनी ग्राम पंचायतों कोे आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर हैं। मा0 मुख्यमंत्री जी के ग्राम पंचायतों के विकास के विजन एवं क्रियान्वयन के दृष्टिगत ग्राम पंचायत के बुनियादी कार्यों के साथ-साथ ग्रामीण जनों की आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुये योजनाबद्ध तरीके से कार्य संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार की व्यापक विकासशील सोच के कारण विकास के मानकों को समेकित रूप से लक्षित करते हुये कार्य प्रारम्भ किया गया है। जिसमें गांव के व्यापक विकास के लिए एक नया मॉडल तैयार हुआ। हमने ग्राम पचायतों को पूर्ण विकास की परिधि में सम्मिलित करने के लिये ग्राम पंचायत स्तर पर एक नई व्यवस्था भी तैयार की है। हमारा अंतिम उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता, भौतिक संरचना और आय बढ़ाने से सम्बन्धित गतिविधियांे को लागू कर ग्रामीण जनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने बताया कि गांधी जी ने अपने उस दौर में सशक्त, सक्षम एवं स्वच्छ भारत का स्वप्न देखा था। बापू के उस उस सपने को युगदृष्टा प्रधानमंत्री जी ने साकार करने का संकल्प लिया और मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमने नियत समय से पूर्व ही प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करते हुये एक पड़ाव प्राप्त कर लिया। हम इस क्षेत्र में यही नही रुके है अब हम सार्वभौमिक स्वच्छता की ओर बढ़ रहे है। हमने मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशन में अपने विभाग के 100 दिवस के लक्ष्य निर्धारित कर ग्राम के सर्वागीण विकास के लिए कार्य किये हैं।

 चौधरी ने निर्धारित लक्ष्य के अनुरुप विभाग के 100 दिवस की उपलब्धियां साझा करते हुए बताया कि चयनित सभी 2.41 लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। इज्जत घरों का निर्माण शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इसके साथ ही साथ नवसृजित परिवारों में शौचालय निर्माण हेतु ऑनलाइन आवेदन का प्राविधान कर ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों को सम्मिलित कराने के लिये प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि कोई भी शौचालय की सुविधा से वंचित न रहे एवं ओडीएफ की स्थिरता को बनाये रखने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में 1494 सामुदायिक शौचालय काम्पलेक्स का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। निर्मित सामुदायिक शौचालय की देखरेख एवं संचालन हेतु महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा0) फेज-2 के प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित कर दी गयी है।

पंचायती राज मंत्री ने बताया कि प्रदेश को ओडीएफ प्लस बनाने की दिशा में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंध किये जाने हेतु लक्षित 10000 ग्रामों में नियोजन, प्रशिक्षण एवं ट्रिगरिंग इत्यादि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस वर्ष ओ0डी0एफ0 प्लस की मॉडल कैटेगरी के गांव विकसित करने के लिए 4,723 गांवो को चिन्हित किया गया है। चिन्हित गांवो की प्रत्येक जनपद में ग्राम स्तर पर निर्मित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण राज्य स्तर पर संबंधित अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के समक्ष कराया जा रहा है एवं यथा आवश्यक संशोधन कराये जाने का सुझाव दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ जनपद बुलन्दशहर में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया है जहां पर प्रत्येक जनपद के सम्बन्धित अधिकारियों/कर्मचारियों, ग्राम प्रधान, सचिव, पंचायत सहायक, सफाई कर्मी एवं राज मिस्त्रियों का एक्सपोजर विजिट कराकर इनकी क्षमतावर्धन का कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के दृष्टिगत गोबरधन योजना में बायोगैस संयत्रों की स्थापना हेतु टेक्निकल संस्थाओं का एम्पैनलमेन्ट एवं कार्य आवंटन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जनपद कानपुर देहात, औरैया, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, फर्रूखाबाद, मथुरा, वाराणसी, कन्नौज, मेरठ, जालौन, अयोध्या एवं गोरखपुर जनपदों में 24 परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।

 चौधरी ने बताया कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के उपरान्त बड़ी संख्या में वापस आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु ‘‘गरीब कल्याण रोजगार योजना’’ के अन्तर्गत पंचायत भवन विहीन 24617 ग्राम पंचायतों में वृहद् स्तर पर पंचायत भवन का निर्माण विभिन्न योजनाओं से कराया गया। तद्क्रम में ग्राम पंचायत कार्यालय के रूप में प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना की गयी है, जिसमें प्रधान, सचिव, पंचायत, बी.सी.सखी, महिला बीट कान्सटेबल व अन्य पंचायत स्तर के कर्मी ग्रामीणों के विभिन्न कार्यों हेतु उपलब्ध होेगें। ग्राम सचिवालयों में कम्प्यूटर, इण्टरनेट इत्यादि सहित आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था भी करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत सचिवालयों की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने एवं जनसामान्य को सचिवालय के माध्यम से सूचना व अभिलेख उपलब्धता के दृष्टिगत प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक की नियुक्ति की गयी है, जिसके माध्यम से ग्राम सचिवालय क्रियाशील होगा इसलिए पंचायत सहायकों की ग्राम सचिवालय में उपस्थिति हेतु ऑनलाइन अटेण्डेंस सिस्टम विकसित किया गया है, जिससे पंचायत सहायक मोबाइल एप के माध्यम से अपनी उपस्थित दर्ज करायेगा। इसके अतिरिक्त सामुदायिक शौचालय के केयर टेकर एवं सफाई कर्मियों की उपस्थिति भी इस मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज की जा रही है।

पंचायती राज मंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायतों की बेहतर कार्यप्रणाली के लिये भौगोलिक रूप से एक साथ या निकटता के दृष्टिगत रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेन्टर (आर.ए.एस.ए.सी.), उ0प्र0, लखनऊ के माध्यम से ग्राम पंचायतें का क्लस्टर तैयार कराया गया है। प्रदेश में ऐसे कुल 15720 क्लस्टर बनाये गये है, जिससे पूर्व में आ रही समस्याएं जैसे-कार्य क्षेत्र आवंटन में असमानता, कार्य सम्पादित करने में प्रशासनिक कठिनाईयां इत्यादि को दूर करते हुए व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है। प्रत्येक क्लस्टर पर मुख्यालय की स्थापना की गयी है, जो कि पंचायत सचिव के कार्यालय के रूप में स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्लस्टर व्यवस्था लागू की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों की पारदर्शिता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये राज्य स्तर पर कॉल सेण्टर की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से आम जनमानस, जनप्रतिनिधयों एवं पदाधिकारियों की जिज्ञासाओं/समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। कॉल सेण्टर के माध्यम से पंचायत सहायकों द्वारा ग्राम सचिवालय की क्रियाशीलता की स्थिति, स्वयं सहायता समूह को हस्तान्तरित सामुदायिक शौचालय के खुलने की स्थिति, ग्राम पंचायत सचिवों के क्लस्टर मुख्यालय पर उपस्थिति आदि पर सूचना प्राप्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनसमान्य को पंचायतों द्वारा ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु ग्राम सचिवालय में कॉमन सर्विस सेन्टर (सी.एस.सी.) की सहस्थापना की जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान अन्तर्गत 750 सी.एस.सी. की सहस्थापना हेतु धनराशि आवंटन किया गया है। इसके अतिरिक्त समस्त ग्राम सचिवालय में सी.एस.सी. की सहस्थापना हेतु मार्ग निर्देशिका निर्गत की जा चुकी है।

पंचायती राज मंत्री ने बताया कि पंचायतीराज निदेशालय में पृथक से वेबिनार रूम की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से में पंचायत प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रशिक्षण, कार्यशाला एवं मीटिंग आयोजित की जाती है। उन्होंने बताया कि जनपद-फिरोजाबाद, महोबा, मेरठ, सोनभद्र, कानपुर देहात, अमेठी, कौशाम्बी, कुशीनगर, आजमगढ़, हापुड़, शामली, चन्दौली, संत कबीर नगर एवं फर्रूखाबाद कुल 14 जिला पंचायत रिसोर्स सेन्टर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। समस्त जिला पंचायत रिसोर्स सेन्टर में प्रशिक्षण गतिविधियों के संचालन हेतु फैकल्टी की तैनाती की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 4957 जनप्रतिनिधियों/कर्मियों/अधिकारियों को राज्य स्तर पर मॉडल ग्राम पंचायत, ओडीएफ प्लस गतिविधियों के सम्बन्ध में मॉड्यूल विकसित करने सम्बन्धी वृहद् प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि सत्त विकास लक्ष्यों के आधार पर 150 मॉडल ग्राम पंचायतों का चयन कर उनको राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में प्रशिक्षित किया जा चुका है। मॉडल ग्राम पंचायतों में सम्मिलित 67 ग्राम पंचायतों को परफारमेन्स ग्रान्ट की धनराशि एवं शेष अन्य ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस के अन्तर्गत धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय ग्रामीय विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, हैदराबाद के सहयोग से पाइलेट प्रोजेक्ट अन्तर्गत 44 ग्राम पंचायतों में मॉडल ग्राम पंचायत विकास योजना/वार्षिक कार्ययोजना को तैयार किया गया है।

प्रदेश की समस्त जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस प्रकार 100 दिवसों हेतु लक्षित सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। हम आज आप सभी आश्वस्त करते है कि ग्राम पंचायतों का सक्षम, सम्पन्न एवं समेकित विकास की ओर ले जाने के लिये हम अपने मुखिया मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक कार्य करेंगे एवं निर्धारित लक्ष्यों का समय से पूर्ण कर ग्रामीण जनों के जीवन स्तर को बेहतर बनायेगें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायती राज/ग्राम्य विकास  मनोज कुमार सिंह, निदेशक पंचायती राज  अनुज कुमार झां, सूचना निदेशक  शिशिर, अपर सूचना निदेशक  अंशुमान राम त्रिपाठी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

स्टाम्प पंजीयन मंत्री के प्रयासों से राजस्व संग्रह में हो रहा इजाफा

 

उत्तर प्रदेश के स्टाम्प तथा पंजीयन विभाग ने मई 2022 तक गत वर्ष की तुलना में राजस्व संग्रह में काफी सुधार किया है। गत वर्ष की इसी अवधि के सापेक्ष यह 113 प्रतिशत अधिक रहा है। स्टाम्प पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  रविंद्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुशासन नीति को प्रभावी ढंग लागू किया है। अनेक विभागीय सुधारों के लागू होने से राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय सुधार आया है। वर्ष 2021-22 में मई माह तक के लिए 3680.66 करोड़ रुपयों का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष 367.41 करोड़ रुपयों का संग्रह किया जा चुका है। यह प्राप्ति मात्र 10 प्रतिशत रही। वर्ष 2022-23 में मई माह तक के लिए 4712.10 करोड़ रुपयों का संग्रह का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष 3932.75 करोड़ रुपयों का संग्रह किया गया। यह लक्ष्य के सापेक्ष 83.5 प्रतिशत रहा, जबकि गत वर्ष की इसी अवधि के तुलना में यह प्राप्ति 113.2 प्रतिशत अधिक रही। जायसवाल ने अपने विभाग की अधिकांश सेवाओं को ऑनलाइन करके पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा दिया है।

सरकार के 100 दिन पूर्ण 

 

2017 के बाद से ही विभाग द्वारा अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की गयी है। परिणामस्वरुप फसली ऋण वितरण, भण्डारण क्षमता एवं कृषकों से उनकी उपज की खरीद में कई गुणा वृद्धि हुयी है, जिससे विभाग प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में भी सहकारिता विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किये जायेगें तथा कृषकों एवं ग्रामीणों को विभाग द्वारा अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। उक्त वक्तव्य आज सरकार के 100 दिन पूर्ण होने के क्रम में प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार)  जे0 पी0 एस0 राठौर ने लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिये।

राठौर ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान बताया कि जिला सहकारी बैंकों द्वारा 01 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 तक रु0 4635.00 करोड़ का फसली ऋण वितरण किया गया, जिससे 8.5 लाख लघु एवं सीमान्त कृषक लाभान्वित हुये, गत वर्ष इसी अवधि में 3200.00 करोड़ रूपये का वितरण हुआ था। इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 10000.00 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यू0पी0सी0बी0 द्वारा गन्ना किसानों के भुगतान हेतु 01-04-2022 से दिनांक 30-06-2022 तक रु0 560.45 करोड़ की ऋण सीमा स्वीकृत की गयी है, जिससे गन्ना किसानों को उनके उपज का भुगतान हो सकेगा। कृषकों को सस्ती दरों पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ0प्र0 सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में रु0 300.00 करोड़ के ब्याज अनुदान की धनराशि आवंटित की है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि कृषि यन्त्रीकरण एवं रोजगार परक योजनाओं के अन्तर्गत 112.00 करोड़ रुपये का दीर्घकालीन ऋण वितरण किया गया। उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण हेतु राज्य सरकार द्वारा बजट 2022-23 में रु0 150.00 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की गयी है, ताकि कृषकों को समय से उर्वरक उपलब्ध हो सके। प्रदेश में फॉस्फेटिक एवं यूरिया उर्वरकों की क्रमशः 4.35 लाख मै0 टन एवं 7.84 लाख मै0 टन उर्वरकों को भण्डारित कर लिया गया है, जिससे किसानों को समय पर उर्वरकों की व्यवस्था सुलभ हो सकेगी। इफको द्वारा उत्पादित नैनो यूरिया जो कि पारम्परिक यूरिया का एक बेहतर विकल्प है, के प्रचार-प्रसार हेतु प्रदेश के समस्त 850 विकास खण्डों में कृषक जागरुकता गोष्ठियां आयोजित की गयी है। नैनो यूरिया की 15.36 लाख बोतलों की बिक्री 100 दिनों में की जा चुकी है।

राठौर ने बताया कि उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक (एल0डी0बी0) को राज्य सरकार द्वारा रु0 1000.00 करोड़ की बैंक गारण्टी दी गयी है, जिससे किसानों को दीर्घकालीन ऋण सुलभ हो सकेगा। आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं से लैस उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक की 13 नयी शाखाओं (जनपद-फतेहपुर, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, सम्भल, अमरोहा, हापुड़, अम्बेडकर नगर, अमेठी, गोरखपुर, महाराजगंज एवं औरैया) का संचालन प्रारम्भ कराया गया है। यू0पी0 कोआपरेटिव बैंक के सभी शाखाओं में इन्टरनेट बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। प्रदेश में प्रथम बार 50 हजार मी0टन क्षमता के 02 साइलो (रामपुर एवं कन्नौज) कुल क्षमता 01 लाख मी0टन का निर्माण कराया गया। उक्त के अतिरिक्त 17 बड़े गोदामों का निर्माण कराया गया, जिससे प्रदेश की भण्डारण क्षमता में 1.20 लाख मी0टन की वृद्धि हुयी है, इस प्रकार कुल 2.20 लाख मी0टन भण्डारण क्षमता वृद्धि हुयी है।

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गोरखपुर में नवीन मानसिक मंदित आश्रय गृह के निर्माण कार्य हेतु 35.91 लाख रूपये मंजूर

 

प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अन्तर्गत संचालित नवीन मानसिक मंदित आश्रृय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र (आवासीय) के निर्माण कार्य हेतु 35.91 लाख रूपये मंजूर किये हैं। गोरखपुर जिले में निर्माणाधीन इस आश्रृय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र हेतु चतुर्थ किश्त के रूप में मंजूर की गयी यह धनराशि निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के निवर्तन पर रखी गयी है।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेशानुसार धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार व नियमानुसार किये जाने का पूर्ण दायित्व निदेशक,दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं कार्यदायी संस्था होगा। धनराशि के आहरण एवं व्यय में वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर निर्गत शासनादेशों/आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

गोरखपुर में बालिकाओं हेतु ‘ममता‘ राजकीय मानसिक मंदित विद्यालय के निर्माण कार्य हेतु 63.40 लाख रूपये मंजूर

 

प्रदेश सरकार ने गोरखपुर जिले में बालिकाओं हेतु निर्माणाधीन ममता राजकीय मानसिक मंदित विद्यालय के निर्माणकार्य हेतु 63.40 लाख रूपये मंजूर किये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में पांचवी किश्त के रूप में मंजूर की गयी यह धनराशि निदेशक, दिव्यांगजन संशक्तीकरण विभाग के निवर्तन पर रखी गयी है।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेशानुसार धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार व नियमानुसार किये जाने का पूर्ण दायित्व निदेशक,दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं कार्यदायी संस्था होगा। धनराशि के आहरण एवं व्यय में वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर निर्गत शासनादेशों/आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

कोरोना संक्रमण के 345 नये मामले आये

 

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  अमित मोहन प्रसाद ने आज बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 78,012 सैम्पल की जांच की गयी। कोरोना संक्रमण के 345 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 11,76,63,026 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 510 लोग तथा अब तक कुल 20,66,672 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश में कोरोना के कुल 2,401 एक्टिव मामले है।

 प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल 05 जुलाई, 2022 को एक दिन में 2,19,197 वैक्सीन की डोज दी गयी है। उन्होने बताया कि प्रदेश में कल तक 18 वर्ष से अधिक लोंगों को कुल पहली डोज 15,34,76,535 तथा दूसरी डोज 14,38,72,594 दी गयी। उन्होंने बताया कि 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग को कल तक कुल पहली डोज 1,40,20,627 तथा दूसरी डोज 1,24,07,137 दी गयी है। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग को कल तक कुल पहली डोज 82,44,032 तथा दूसरी डोज 62,40,697 दी गयी। कल तक 36,36,521 प्रीकॉशन डोज दी गयी है। उन्होंने बताया कि कल तक कुल मिलाकर 34,18,98,143 वैक्सीन की डोज दी गयी है।

शिक्षकों को विद्यालयी शिक्षण तथा अन्य क्रिया-कलापों में निष्ठा और वचनबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश

 

बेसिक शिक्षा विभाग में 05 वर्ष की अवधि से तैनात सभी संबर्ग यथा प्रशासनिक अधिकारी, प्रधान सहायक, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, आशुलिपिक, वैयक्तिक सहायक (ग्रेड-1/2) का शत- प्रतिशत स्थानान्तरण किया गया है। प्रशासनिक आधार पर एवं निजी अनुरोध के कतिपय प्रत्यावेदनों पर भी विचार किया गया है जिनमें गम्भीर बीमारियों तथा जटिलपारिवारिक परिर्थितियाँ उल्लिखित थीं। ऐसे कर्मियों को जिनकी सेवानिवृत्ति निकट भविष्य में होने वाली हैं, उन्हें स्थानान्तरण से अधिकांशतः मुक्त रखा गया है, अन्यथा स्थति में उसी मण्डल/जनपद के अन्य कार्यालय में समायोजित किया गया है।

यह जानकारी बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  संदीप सिंह ने दी। उन्होने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधीनस्थ राजकीय कार्यालयों में कार्यरत समूह 'ग' के कार्मिकों के स्थानान्तरण के सम्बन्ध में माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्गत शासनादेश दिनांक 25.06.2019 द्वारा शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण अधीनस्थ कार्यालयों में अपने सम्पूर्ण सेवाकाल में 05 वर्ष से अधिक की सेवा अपने वर्तमान कार्यालयों में पूर्ण करने वालों को शत-प्रतिशत स्थानान्तरित करने के आदेश दिए गए थे। जिसके क्रम में माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), माध्यमिक शिक्षा तथा माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार),  बेसिक शिक्षा तथा दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में शासनादेश दिनांक 25.06.2019 को शत- प्रतिशत क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया।

 सिंह ने बताया कि कार्मिक अनुभाग के पत्र दिनांक 13.05.2022 के क्रम में समस्त राजकीय कार्यालयों में पटल/क्षेत्र परिवर्तन के निर्देशों का अनुपालन कर लिया गया है। समस्त 1043 स्थानान्तरित समूह 'ग के कर्मचारियों को आदेश निर्गत होने के तीन दिवस के अन्तर्गत नियन्त्रक अधिकारियों द्वारा कार्यमुक्त किया जाना है। यदि तीन दिवस में कार्यमुक्त नहीं किया जाता है, तो कर्मचारी स्वतः कार्यमुक्त समझा जाएगा। किसी भी स्थानान्तरित कर्मचारी को किसी प्रकार का कोई अवकाश देय नहीं होगा। कुल 1043 स्थानान्तरित कर्मचारियों में एक ही कार्यालय में 10 वर्ष से अधिक ठहराव वाले कार्मिकों का प्रतिशत लगभग 45% है। विभाग द्वारा कतिपय खण्ड शिक्षा अधिकारियों के स्थानान्तरण भी निर्गत किए गए हैं। यह प्रक्रिया अब नियमित रूप से सम्पादित की जाती रहेगी।

 सिंह ने प्रदेश के समस्त शिक्षकों के अधिष्ठान सम्बन्धी प्रकरणों के समय से निस्तारण हेतु कार्यालयों के कार्यों में पारदर्शिता लाने के आवश्यक निर्देश सभी अधिकारियों एवं कार्मिक को दिये गये है। कार्यालयों में पारदर्शी प्रशासन, शिक्षकों को विद्यालयी शिक्षण तथा अन्य क्रिया-कलापों में निष्ठा और वचनबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश भी दिये गये है।

अभ्यर्थी प्रवेश लेने हेतु 31 जुलाई, 2022 की रात्रि 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है

 

प्रदेश के राजकीय व निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में माह अगस्त 2022 से प्रारम्भ प्रशिक्षण सत्र में प्रवेश लेने हेतु अभ्यर्थी 07 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 रात्रि 12.00 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। उक्त जानकारी देते हुए विशेष सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास  अभिषेक सिंह ने बताया कि अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए वेबसाइट http://www.scvtup.in पर जाकर लिंक “Online Submission of Application for Admission for Session 2022-23” for Government@Private ITI” पर क्लिक कर अपना फार्म भरना होगा। अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन से पूर्व OTP से मोबाइल नम्बर का सत्यापन करना होगा। उन्होने बताया कि फार्म भरने के पश्चात उसे “Preview” वाले पृष्ठ पर अंकित ‘Proceed For Payment’ के लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन भुगतान करना होगा। ऑनलाइन भुगतान डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड/इन्टरनेट बैंकिंग/यू0पी0आई0 के माध्यम से किया जा सकता है, जिस हेतु यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, के पेमेन्ट गेटवे की सुविधा उपलब्ध रहेगी। उन्होने बताया कि आवेदन शुल्क का भुगतान होने पर अभ्यर्थी अपने फार्म का प्रिंट आउट ले सकेगा।

विशेष सचिव ने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा ऑनलाइन आवेदन में की गयी प्रविष्टियों में हुई कतिपय त्रुटियों के संशोधन हेतु 02 दिन ( 48 घण्टे ) का समय दिया जायेगा। ऑनलाइन आवेदन में सहायता हेतु विवरणी ई-फार्म में वेबसाइट www.scvtup.in पर उपलब्ध है। अभ्यर्थी विवरणी को पूर्ण रूप से या आवश्यकता के अनुसार विवरणी का कोई भाग प्रिंट कर सकते हैं, या डाउनलोड कर सकता है। उन्होने बताया कि प्रवेश पंजीकरण शुल्क  सामान्य व पिछड़ा वर्ग के लिए शुल्क 250 रूपये तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए शुल्क 150 रूपये है। उन्होंने बताया कि प्रवेश संबधित किसी प्रकार की जानकारी लेने हेतु हेल्प डेस्क नं0 0522-4150500, 7897992063 तथा दूरभाष 0522-4047658, 9628372929 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

मंत्री  गुलाब देवी 07 जुलाई को जनपद हरदोई में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी

 

प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  गुलाब देवी 07 जुलाई, 2022 को पूर्वाहन 10 बजे जनपद हरदोई पहुंचेंगी। जनपद हरदोई में पूर्वान्ह 11:15 से 11:45 बजे तक माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद मंत्री जी मध्यान्ह 12 बजे बाल विद्या मन्दिर पब्लिक स्कूल का उद्घाटन करेंगी तथा अपराहन 01:30 बजे तक उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी। इसके बाद अपराहन 03:30 बजे लखनऊ आयेंगी।    

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