ई बार तो ना, अगली बार विधायक बनवे, लल्लू से जुड़ा यह किस्सा है शानदार, कभी दिल्ली में करते थे दिहाड़ी मजदूरी

Ajay Kumar Lallu

कांग्रेस महासचिव ने अजय कुमार लल्लू को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया था। पहला अजय कुमार लल्लू पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं और दूसरा वह पिछड़ी कही जाने वाली कानू जाति से ताल्लुक रखते हैं। 2012 के चुनाव में लल्लू को कांग्रेस ने कुशीनगर के तमकुही राज विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कांग्रेस महासचिव और प्रदेश पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबी माने जाते हैं। इतना ही नहीं साल 2017 के विधानसभा चुनाव में विगत परिस्थितियों के बावजूद वो अपनी सीट निकाल पाने में कामयाब हुए थे। यह वो साल था जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की लहर थी और चुनाव बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था। ज्यादातर समय मीडिया में बने रहने वाले अजय कुमार लल्लू को अक्सर लोगों ने चार कंधों पर जाते हुए देखा है। दरअसल, योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालने वाले लल्लू को उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई दफा हाथ-पांव पकड़कर थाने ले गए हैं। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं।

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कांग्रेस महासचिव ने अजय कुमार लल्लू को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया था। पहला अजय कुमार लल्लू पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं और दूसरा वह पिछड़ी कही जाने वाली कानू जाति से ताल्लुक रखते हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने उनके भीतर पार्टी के लिए काम करने का जज्बा देखा तभी तो कभी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले अजय कुमार लल्लू को साल 2019 में प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया।

2012 में पहली बार बने थे विधायक

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस ने कुशीनगर के तमकुही राज विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। इस दौरान वो भाजपा के नंद किशोर मिश्रा को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इतना ही नहीं अजय कुमार लल्लू प्रदेश के सबसे गरीब विधायक हैं। उन्होंने साल 2017 के अपने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उनके पास महज 3 लाख 29 हजार रुपए की ही संपत्ति है।

4 नवंबर 1979 को कुशीनगर के सोराही गांव में जन्में अजय कुमार लल्लू ने शादी नहीं की है और छात्र संघ से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई है। साल 1999 में अजय कुमार लल्लू छात्र संघ के अध्यक्ष थे। इसके बाद साल 2007 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सिरोही से चुनाव लड़े थे। इस दौरान उन्हें 2,891 वोट मिले। इसके बाद अजय कुमार लल्लू कांग्रेस में शामिल हो गए।

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विधायक बनने वाला किस्सा

अजय कुमार लल्लू से जुड़ा हुआ एक किस्सा अक्सर सुनाई देता है। यह तब की बात है जब वो कांग्रेस में शामिल नहीं थे। साल 2007 में कुशीनगर के आजादनगर कस्बे में एक निर्दलीय उम्मीदवार जोरदार भाषण दे रहा था। उस वक्त एक बुजुर्ग महिला ने उससे कहा था कि ई बार त ना, पर अगली बार बेटा विधायक बनबे। जिसका मतलब है कि इस बार तो बेटा नहीं लेकिन अगली बार जरूर विधायक बनोगे। इसके अलावा माना जाता है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे जितेंद्र प्रसादा के बेटे जितिन प्रसाद के साथ अजय कुमार लल्लू का झगड़ा चल रहा था। जिसकी वजह से जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और भाजपा का दामन थाम लिया

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