उन्नाव बलात्कार मामला: एम्स में बयान दर्ज करने पहुंचे जज, प्रेस नहीं देख सकती कार्यवाही
न्यायाधीश ने शनिवार को एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में एक अस्थायी अदालत स्थापित करने के निर्देश दिए थे, जहां महिला को 28 जुलाई को एक दुर्घटना के बाद भर्ती कराया गया था।
नयी दिल्ली। उन्नाव बलात्कार मामले में एम्स में बुधवार को लगाई गई अस्थायी अदालत में बंद कमरे में कार्यवाही शुरू हो गई। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा एम्स में बलात्कार पीड़िता के बयान दर्ज कर रहे हैं। आम लोग और प्रेस को ‘बंद कमरे की कार्यवाही’ देखने की अनुमति नहीं होती है। मामले के एक प्रमुख आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इसके लिए एम्स लाया गया। उसके साथ सह-आरोपी शशि सिंह को भी लाया गया है। भाजपा सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर चुकी है। न्यायाधीश ने शनिवार को एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में एक अस्थायी अदालत स्थापित करने के निर्देश दिए थे, जहां महिला को 28 जुलाई को एक दुर्घटना के बाद भर्ती कराया गया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले में शुक्रवार को अनुमति दी थी।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रशासनिक पक्ष से इस आशय की एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश शर्मा पीड़िता के बयान दर्ज करेंगे। उच्च्तम न्यायालय के आदेश पर बलात्कार पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई मार्ग के जरिये दिल्ली लाया गया था। विशेष न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय से एम्स में अस्थायी अदालत स्थापित कर बंद कमरे में कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी थी। महिला ने 2017 में सेंगर पर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था। घटना के वक्त वह नाबालिग थी। 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुये सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई पीड़िता फिलहाल जीवन के लिए जूझ रही है। उस दुर्घटना में उसकी मौसी और चाची दोनों की मौत हो गई थी। हादसे में उनका वकील भी घायल हो गया था।
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