शिवसेना अब चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ जाएगी SC, उद्धव गुट ने की तैयारी
शिवसेना को लेकर इन दिनों बवाल मचा हुआ है। महाराष्ट्र में शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को मिल गया है जिसके बाद से लगातार मामला गरमाता जा रहा है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अविलंब सुनवाई की मांग शिवसेना ने की है।
चुनाव आयोग शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को सौंप चुका है। इस मामले में अब शिवसेना को वापस पाने के लिए उद्धव ठाकरे गुट सोमवार यानी 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएगा। शिवसेना के उद्धव गुट में चुनाव आयोग के फैसले को लेकर काफी नाराजगी है।
बता दें इस मामले में उद्धव गुट ने 19 फरवरी को ही इस मामले में ऑनलाइन अर्जी दाखिल करने का फैसला किया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की जाएगी जो कि 20 फरवरी को करने की अपील की है। चुनाव आयोग की तरफ से मिले आदेश को उद्धव ठाकरे गुट ने दोषपूर्ण बताया है। इस फैसले पर स्टे लगाए जाने की मांग भी की गई है।
वहीं 20 फरवरी को होने वाली सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष इसे मेंशन किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में ठाकरे गुट की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल उपस्थित होंगे। ठाकरे गुट ने अपनी याचिका में साफ किया है कि निर्वाचन आयोग के आदेश में कई तरह की खामियां मौजूद है। ये फैसला दोषपूर्ण है। इन खामियों पर ही रौशनी डालते हुए चुनौती दी जाएगी। याचिका में आदेश के उस हिस्से को भी चुनौती देने की तैयारी है जिसके मुताबिक शिवसेना ने संविधान में एकतरफा बदलाव किया था। ये संशोधन शिवसेना ने लोकतांत्रिक तरीके से नहीं किया था।
संजय राउत ने लगाया आरोप
शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ को ‘‘खरीदने’’ के लिए अब तक ‘‘2000 करोड़ रुपये का सौदा’’ हुआ है। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने इस दावे का खंडन किया और सवाल किया, ‘‘क्या संजय राउत खजांची हैं।’’ राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक बिल्डर ने उन्हें यह बात बतायी है।
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि उनके दावे के पक्ष में सबूत हैं जिसे वह शीघ्र ही सामने लायेंगे। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ धड़े को असली शिवसेना की मान्यता दी थी और उसे चुनाव निशान ‘तीर-धनुष’ आवंटित करने का आदेश दिया था। पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने आदेश में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया गया चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी। राउत ने रविवार को कहा कि 2000 करोड़ रुपये शिवसेना का नाम ‘‘खरीदने’’ के लिए कोई छोटी रकम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग का फैसला एक सौदा है।’’ राउत ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे पक्की सूचना मिली है कि शिवसेना का नाम एवं पहचान पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ। यह शुरुआती आंकड़ा है तथा शत-प्रतिशत सच्ची बात है। कई बातें शीघ्र ही सामने लायी जाएंगी। इस देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ।’’
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