Uddhav Thackeray का गुट Mumbai South-Central लोकसभा क्षेत्र में हुआ मजबूत, सत्ता पक्ष के लिए विधानसभा चुनाव में कठिन होगी जीत
मुम्बई दक्षिण-मध्य लोकसभा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। यह लोकसभा क्षेत्र राज्य में शिवसेना के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक है। जिसपर पार्टी का पिछले 15 साल से लगातार कब्जा बना हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना के अनिल देसाई ने जीत दर्ज की थी।
महाराष्ट्र का मुम्बई दक्षिण-मध्य लोकसभा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। यह लोकसभा क्षेत्र राज्य में शिवसेना के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक है। जिसपर पार्टी का पिछले 15 साल से लगातार कब्जा बना हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना के अनिल देसाई ने जीत दर्ज की थी। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी समेत देश की वाणिज्यिक राजधानी भी है। देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। धारावी इस संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यहां पर एक झुग्गी बस्ती है। यह पश्चिम माहिम और पूर्व सायन के बीच का इलाका है। यहां पर फ्लोरा फाउंटेन या हुतात्मा चौक एक फव्वारा है। फाउंटेन का नाम रोम में समृद्धि के देवता के नाम पर पड़ा। यह केंद्र पर्यटकों के लिए प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
मुंबई दक्षिण-मध्य लोकसभा क्षेत्र मुंबई सब अर्बन और मुंबई शहर जिलों के अंतर्गत आता है। जो अणुशक्ति नगर, चेंबूर, धारावी, सायन कोलीवाड़ा, वडाला और माहिम विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र की अणुशक्ति विधानसभा सीट महराष्ट्र में एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रचलित चेहरों में शुमार नवाब मलिक के कारण भी जानी जाती है। इस सीट से मलिक 2009 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2014 में वे चुनाव हार गए थे, लेकिन 2019 के चुनाव में वापसी करते हुए उन्होंने इस सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी।
राज्य के गठन के साथ ही 1962 से अस्तित्व में आए चेंबूर विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने अब तक एनसीपी को छोड़कर सभी दलों को जीतने का मौका प्रदान किया है। वर्तमान में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रकाश फटरपेकर पिछले 10 साल से यहां से विधायक हैं। उनके पहले यहां कांग्रेस भी लगातार 10 साल तक काबिज रही है। मुंबई साउथ-सेंट्रल लोक सभा क्षेत्र की एकमात्र आरक्षित विधानसभा सीट धारावी की है। जो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। यह विधानसभा सीट फिलहाल खाली है, क्योंकि कांग्रेस की दिग्गज नेता और इस सीट से 2004 से लगातार चार बार की विधायक वर्षा गायकवाड मुंबई-उत्तरी लोकसभा क्षेत्र से हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव को जीतकर सांसद चुनी गई थी।
महाराष्ट्र में 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए सायन कोलीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र पर पिछले 10 साल से भाजपा काबिज है। जिसके नेता आर. तमिल सेल्वन फिलहाल इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। महाराष्ट्र की विधानसभा में 180 नंबर से जाने जानी वाली वडाला विधानसभा सीट पर सर्वप्रथम 2009 में चुनाव हुए थे। जिसके बाद से यहां वर्तमान भाजपा नेता और पूर्व कांग्रेसी कालिदास कोलाम्बकर पर क्षेत्र के मतदाता 15 साल से भरोसा जताते चले आ रहे हैं। राज्य में शिवसेना के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक समझे जाने वाले माहिम विधानसभा क्षेत्र से एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के सदा सरवणकर पिछले 10 साल से इस क्षेत्र की जनता की आवाज विधानसभा में उठा रहे हैं। 1990 के बाद से शिवसेना सिर्फ 2009 में यहां से चुनाव हारी थी।
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