बुलन्दशहर में भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सहित दो की मौत, SIT जांच के आदेश
कथित गोकशी की घटना के बाद पथराव में एक थाना इंचार्ज और एक अन्य की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस करेंगे और 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे।
बुलंदशहर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल से जुड़े बुलंदशहर जनपद में सोमवार को कथित तौर पर गोकशी के बाद मचे बवाल में गुस्साई भीड़ ने स्याना थाने के इंस्पेक्टर की पत्थर या किसी भारी वस्तु मार कर हत्या कर दी। वहीं गोली लगने से एक युवक की मौत हुई है। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एडीजी इंटेलीजेंस को सौंपी है जो 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देंगे इसके साथ ही मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया है। बुलंदशहर में हुई घटना में पांच पुलिस कर्मी तथा करीब आधा दर्जन आम लोगों को भी मामूली चोटें आई है। भीड़ की हिंसा में कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है तथा तीन कारों को आग लगा दी गई। बताया जा रहा है कि इस हिंसा में तीन गांव के करीब चार सौ लोग शामिल है।
One police inspector dead during a clash with people protesting against illegal slaughterhouses in Bulandshahr pic.twitter.com/Ugts7FDtsI
— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2018
गोकशी की खबर से गुस्साई भीड़ ने इस दौरान पुलिस पर पथराव करते हुए उसके कई वाहनों और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी। मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों की पुलिस और आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और हालात को काबू में करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेरठ मंडल आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने इस मामले में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत की पुष्टि की है।
UP Government: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath expressed his grief on the death of Police Inspector Subodh Kumar and a local Sumit in violence in #Bulandshahr. He assured a speedy investigation and a compensation package for the victims.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 3, 2018
उधर लखनऊ में सोमवार शाम एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि बुलंदशहर में हुयी हिंसा के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत इलाज के दौरान हुई। संभवत: उन्हें कोई पत्थर या भारी वस्तु लगी थी। कथित गोकशी की घटना के बाद पथराव में एक थाना इंचार्ज और एक अन्य की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस करेंगे और 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे।
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उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक मेरठ की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया गया है जिसमें तीन से चार अधिकारी शामिल होंगे जो पूरी घटना की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। एडीजी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये है। अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामजद हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं। उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है। उसे गोली लगी थी। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है।
एडीजी के मुताबिक कथित गोकशी की घटना के बाद एफआईआर लिख ली गयी थी लेकिन भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था। इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो गयी और दोपहर 12 से डेढ़ बजे के बीच पथराव और हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि जिले में पांच कंपनी आरएएफ तथा छह कंपनी पीएसी पहले से ही तैनात थी और पुलिस बल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के इज्तेमा में शामिल अभी करीब आधे लोग वहां हैं जिन्हें पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में वहां से निकाला जा रहा है।
बुलन्दशहर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर करीब 25-30 गोवंश काट डाले थे। यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर काटे गए गोवंश के गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे।
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गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए। साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी।
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