तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल को हत्या की कोशिश मामले में जमानत मिली
तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की शिकायत पर अनुब्रत मंडल के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 323 (स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाना), धारा-325 (गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा-307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया था। कार्यकर्ता पर अनुब्रत मंडल ने कथित तौर पर हमला किया था।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला स्थित अदालत ने तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल को हत्या की कोशिश मामले में मंगलवार को जमानत दे दी। अनुब्रत मंडल को इस साल अगस्त में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मवेशियों की तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की शिकायत पर अनुब्रत मंडल के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 323 (स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाना), धारा-325 (गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा-307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया था। कार्यकर्ता पर अनुब्रत मंडल ने कथित तौर पर हमला किया था।
दुबराजपुर स्थित सब डिवीजन अदालत के समक्ष अनुब्रत मंडल को पुलिस ने सात दिन कीपुलिस हिरासत अवधि पूरी होने के बाद पेश किया, जहां अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। लोक अभियोजक राजेंद्र प्रसाद डे ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी ने पुलिस हिरासत की मांग की थी , लेकिन अदालत ने केस डायरी और अन्य दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद उन्हें जमानत दे दी। सरकार की ओर से मैंने जमानत का विरोध किया।’’
उल्लेखनीय है कि शिबठाकुर मंडल ने पुलिस से शिकायत की थी कि बीरभूम के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने छह महीने पहले उन्हें गला दबा कर मारने की कोशिश की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर 19 दिसंबर को अदालत से मंडल की पेशी वारंट जारी करने का अनुरोध किया क्योंकि वह आसनसोल जेल में न्यायिक हिरासत में थे। हमले के इस मामले के समय पर सवाल उठाया गया क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली की अदालत के आदेश पर अनुब्रत को मवेशी तस्करी मामले में पूछताछ के लिए राष्ट्रीय राजधानी ले जाने की तैयारी कर रही था। हमला मामले में जमानत मिलने के बाद अनुब्रत मंडल को वापस आसनसोल जेल ले जाया गया, जहां वह मवेशी तस्करी मामले में रहेंगे। जमानत मिलने के बाद तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘ जो भी हो मैं उसके लिए तैयार हूं।
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