बजट के जरिए एक बार फिर जनजातीय लोगों को छला गया, पूंजीपतियों और बड़े उद्योगपतियों पर है केंद्रीत: सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर झारखंड के लिए एक जनजातीय विश्वविद्यालय का अनुरोध किया था। लेकिन बजट में एक जनजातीय संग्रहालय खोलने का उल्लेख है… एक बार फिर जनजातीय लोगों को छला गया है।”
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया केंद्रीय बजट पूंजीपतियों और बड़े उद्योगपतियों के लिए तैयार किया गया था। सोरेन ने कहा कि उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झारखंड में एक जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने का आग्रह किया था लेकिन बजट में केवल एक जनजातीय संग्रहालय का उल्लेख है।
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उन्होंने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर झारखंड के लिए एक जनजातीय विश्वविद्यालय का अनुरोध किया था। लेकिन बजट में एक जनजातीय संग्रहालय खोलने का उल्लेख है… एक बार फिर जनजातीय लोगों को छला गया है।” सोरेन ने आरोप लगाया कि बजट गरीबों, किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों को परेशान करने वाला है।
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उन्होंने कहा, “अर्थशास्त्री बजट का विश्लेषण कर रहे हैं और उनके विश्लेषण के बाद ही यह पता लग पाएगा कि इस बजट से देश की प्रगति में कितनी मदद मिलेगी, यह किस प्रकार हमारी वित्तीय व्यवस्था में मदद करेगा और किस हद तक लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। लेकिन प्रथम दृष्टया केंद्रीय बजट दूरदृष्टि वाला नहीं है।” सोरेन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “केंद्रीय बजट पूंजीपतियों और बड़े उद्योगपतियों को ध्यानमें रख कर बनाया गया है। बजट के द्वारा कर चोरी करने वाले बड़े उद्योगपतियों को राहत देने का प्रयास किया गया है। अब उन्हें कर चोरी करने पर कोई जुर्माना नहीं भरना होगा।”
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