पश्चिम बंगाल रेल रूट पर ट्रेन सेवा ठप, जानें क्या है वजह, पटरियों पर क्यों बैठे हैं लोग
ट्रेनों के रद्द होने की वजह से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई ट्रेनों को हावड़ा में खड़ा करना पड़ा है। इसके अलावा कई ट्रेन अभी भी रास्ते में स्टेशनों पर खड़ी है। यात्रा करने वाले यात्रियों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में कुर्मी आदिवासी समुदाय के लोगों का विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है। दरअसल, अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर यह समाज रेल रोको अभियान चला रहा है। इसकी वजह से झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इस समाज को मनाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यह अपनी मांग पर पूरी तरह से अड़े हुए हैं। इस वजह से कई ट्रेनें रद्द की गई है। ट्रेनों के रद्द होने की वजह से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई ट्रेनों को हावड़ा में खड़ा करना पड़ा है। इसके अलावा कई ट्रेन अभी भी रास्ते में स्टेशनों पर खड़ी है। यात्रा करने वाले यात्रियों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खेमासुली और पुरुलिया जिले के कस्तौर में मंगलवार को सुबह चार बजे से शुरू प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के अलावा कुरमाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे हैं। भारतीय रेलवे ने बताया कि पश्चिम बंगाल के कस्तौर और खेमासुली स्टेशनों पर कुर्मी आदिवासी समुदाय का आंदोलन अभी भी जारी है, जिसके परिणामस्वरूप 53 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 33 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है, 40 ट्रेनों और 2 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। रद्द की गई ट्रेनों में 12871 हावड़ा-टिटलागढ़ एक्सप्रेस, 12021/12022 हावड़ा-बरबिल-हावड़ा एक्सप्रेस और 18020 धनबाद-झाड़ग्राम एक्सप्रेस शामिल हैं।
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