Prabhasakshi NewsRoom: Markandey Katju बोले- ममता के लिए अच्छा पति क्यों नहीं ढूँढ़ते बंगाली, TMC प्रवक्ता ने थप्पड़ मारने की धमकी दी

Mamta Banerjee
ANI

तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक्स पर लिखा: 'अगर यह सच में इस व्यक्ति ने कहा है और अगर वह माफी नहीं मांगता और इसे डिलीट नहीं करता, तो चाहे वह किसी भी पद पर हो, अगर मुझे खबर मिलती है कि उसने बंगाल में कदम रखा है, तो मैं आगे बढ़कर उसे थप्पड़ मारूंगा।'

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू अक्सर अपने बयानों और सोशल मीडिया पोस्टों को लेकर विवादों में घिर जाते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनकी हालिया टिप्पणी को लेकर भी बड़ा विवाद हो गया है जिसके चलते उन्हें अपनी सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट करना पड़ा। हम आपको बता दें कि पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने सोशल मीडिया पर की गयी एक पोस्ट में "बंगालियों से ममता बनर्जी के लिए एक अच्छा पति खोजने" के लिए कहा था। इस पोस्ट को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने काफी सख्त प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "वह एक थप्पड़ के हकदार हैं"। इसके बाद मार्कंडेय काटजू ने फिर से पोस्ट किया और कहा, "भारत में मजाक करना खतरनाक है"। हम आपको बता दें कि अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए मशहूर मार्कंडेय काटजू ने ममता बनर्जी पर कटाक्ष करने के लिए कोई खास कारण नहीं बताया। वह पहले भी ममता बनर्जी की आलोचना और उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।

उधर, सोशल मीडिया पर लोग मार्कंडेय काटजू की टिप्पणी की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि काटजू अब अपनी विवादित पोस्ट को डिलीट कर चुके हैं। मगर तृणमूल कांग्रेस समर्थक उनको घेर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक्स पर लिखा: "अगर यह सच में इस व्यक्ति ने कहा है और अगर वह माफी नहीं मांगता और इसे डिलीट नहीं करता, तो चाहे वह किसी भी पद पर हो, अगर मुझे खबर मिलती है कि उसने बंगाल में कदम रखा है, तो मैं आगे बढ़कर उसे थप्पड़ मारूंगा।" हम आपको यह भी बता दें कि कुणाल घोष की पोस्ट पर जो तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही हैं वह दर्शा रही हैं कि लोगों को कुणाल घोष की टिप्पणी भी पसंद नहीं आई। 

वैसे काटजू की ममता पर टिप्पणी का स्पष्ट कारण तो सामने नहीं आ पाया है लेकिन माना जा रहा है कि संभवतः पूर्व न्यायाधीश पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के उस बयान से नाखुश होंगे जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि संसद से पारित कानून को लागू करना हर राज्य की जिम्मेदारी है।

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