प्रदर्शनकारियों को महंगा पड़ेगा अग्निपथ का विरोध, वायुसेना प्रमुख ने दी चेतावनी, बोले- वेरिफिकेशन में नहीं मिलेगी पुलिस से मंजूरी
वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने अग्निपथ का विरोध कर रहे अभ्यार्थियों को चेतावनी दी कि उन्हें बाद में इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं। यह समाधान नहीं है। आपको अंतिम चरण में पुलिस वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ेगा।
नयी दिल्ली। सशस्त्र बलों में भर्ती की नई 'अग्निपथ' योजना को लेकर बिहार समेत कई राज्यों में जमकर बवाल हो रहा है। इसी बीच वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की हिंसक प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। दरअसल, अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उपद्रवियों ने जमकर आगजनी की है। उन्होंने रेलवे के साथ-साथ कई पुलिस चौकियों को भी फूंक दिया।
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वायुसेना प्रमुख की चेतावनी
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'इंडिया टुडे' के मुताबिक, वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने अग्निपथ का विरोध कर रहे अभ्यार्थियों को चेतावनी दी कि उन्हें बाद में इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं। यह समाधान नहीं है। आपको अंतिम चरण में पुलिस वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ेगा। ऐसे में यदि कोई अभ्यार्थी इस प्रदर्शन में शामिल है तो उन्हें पुलिस से मंजूरी नहीं मिलेगी।
वायुसेना प्रमुख ने अग्निपथ को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि जिन लोगों को इस कार्यक्रम के बारे में कोई चितां है तो वे पास के सैन्य स्टेशनों, वायुसेना या नौसेना के ठिकानों से संपर्क कर सकते हैं और अपनी शंकाओं को दूर कर सकते हैं। इसी बीच उन्होंने कहा कि इस योजना के बारे में सही जानकारी हासिल करने की जरूरत है, उन्हें योजना को पूरी तरह से समझना होगा। वे खुद ही योजना का लाभ देखेंगे। मुझे यकीन है कि यह उनके सभी संदेहों को दूर कर देगा, जो कुछ भी उनके मन में है।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती योजना में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए सेना के तीनों अंगों में जवानों की भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत जवानों की भर्ती 4 साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत सेना के तीनों अंगों में इस साल करीब 46,000 जवान भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पहले पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच तय की गई थी। बाद में अधिकतम आयुसीमा 23 वर्ष कर दिया गया। भर्ती के बाद सेना में शामिल युवाओं को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा।
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