ये उनकी सोच है, पार्टी की नहीं, जयराम रमेश के दावों पर बोले सैम पित्रोदा
सैम पित्रोदा लोकसभा चुनावों के बीच कई विवादास्पद टिप्पणियों से उत्पन्न राजनीतिक तूफान के कारण 8 मई को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख के रूप में बहाल होने के एक दिन बाद सैम पित्रोदा ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की कि पूर्व ने नेतृत्व को आश्वासन दिया था कि वह विवादों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ेंगे। पित्रोदा ने कहा कि ये विचार केवल जयराम रमेश के हैं, न कि पार्टी के और वो ऐसा कहने के हकदार हैं। एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि जयराम जो कहते हैं, वह जयराम का अपना नजरिया है, जरूरी नहीं कि वह पार्टी का नजरिया हो। सैम पित्रोदा लोकसभा चुनावों के बीच कई विवादास्पद टिप्पणियों से उत्पन्न राजनीतिक तूफान के कारण 8 मई को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
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उन्होंने भारत में विरासत कर कानून लागू करने की वकालत की थी और इस बात का जिक्र किया था कि कैसे दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकियों की तरह दिखते हैं और पश्चिम के लोग अरब की तरह दिखते हैं और पूर्व के लोग चीनी की तरह दिखते हैं। पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने सैम पित्रोदा को तत्काल प्रभाव से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। बीजेपी ने सैम पित्रोदा की वापसी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस सैम के पुराने बयान से इस्तेफाक रखती है।
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मई में पित्रोदा ने कहा था कि भारत दुनिया में लोकतंत्र का एक चमकदार उदाहरण है, इस बारे में बोलते हुए पित्रोदा ने कहा था कि देश के लोग 75 साल से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। पित्रोदा ने 'द स्टेट्समैन' को दिए एक साक्षात्कार में भारत में लोकतंत्र पर विचार करते हुए कहा, "हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। हम एक देश पर पकड़ बनाए रख सकते हैं।
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