शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव पर विचारः केंद्र
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री कठेरिया ने कहा है कि केन्द्र सरकार देश में नयी शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिये मौजूदा व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव पर गम्भीरता से विचार कर रही है।
फर्रुखाबाद। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया ने कहा है कि केन्द्र सरकार देश में नयी शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिये मौजूदा व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव पर गम्भीरता से विचार कर रही है। कठेरिया ने रविवार को कायमगंज, छिबरामउ तथा मौगांव क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केन्द्र सरकार नयी शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिये बुनियादी परिवर्तन पर गम्भीरता से सोच रही है। इन बदलावों में पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को परीक्षा में फेल ना करने की मौजूदा व्यवस्था को खत्म करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की शिक्षा व्यवस्था की स्वीकार्यता में बढ़ोत्तरी हुई है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश में निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र में 20 विश्वविद्यालय स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है। इन विश्वविद्यालयों में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के 500 प्रोफेसरों को आमंत्रित करके प्रशिक्षुओं को एक-एक सेमेस्टर की शिक्षा दी जाएगी। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिये अलग से अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना करने का लक्ष्य है, जिसमें मात्र शिक्षकों को प्रशिक्षित करके नये अनुसंधानों के माध्यम से देश और समाज के विकास के प्रयास किये जाएंगे।
उन्होंने दावा किया कि असम विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ हुआ है कि मुस्लिम मतदाताओं का भाजपा के प्रति नजरिया बदला है। कठेरिया ने बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती पर तंज करते हुए कहा कि बसपा नेता ने दलितों से धन बटोरकर अपनी राजनीति चमकाई है, लेकिन अब वे मायावती के झांसे में नहीं आएंगे।
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