किसी मुसलमान को डिटेंशन सेंटर भेजने पर विशाल जन आंदोलन होना चाहिए: चिदंबरम
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में चिदंबरम ने कहा कि असम में एनआरसी के बाद 19 लाख लोगों का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी से बाहर रहने के बाद सरकार सीएए लेकर आई ताकि इनमें से 12 लाख हिंदुओं को नागरिकता दी जाए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वैध ठहराने की स्थिति में अगर किसी मुसलमान को हिरासत शिविर में भेजा जाता है तो देश में विशाल जनांदोलन होना चाहिए। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में चिदंबरम ने कहा कि असम में एनआरसी के बाद 19 लाख लोगों का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी से बाहर रहने के बाद सरकार सीएए लेकर आई ताकि इनमें से 12 लाख हिंदुओं को नागरिकता दी जाए।
Congress leader P Chidambaram at JNU: NPR will be defeated if there is enough popular mobilisation in every State and the States decide we will not implement NPR. NPR cannot be done without the participation of the State. pic.twitter.com/R2ZjC1dYjC
— ANI (@ANI) February 13, 2020
एक छात्र ने सवाल किया कि अगर सीएए को सर्वोच्च न्यायालय वैध ठहराता है तो फिर आगे क्या कदम हो सकता है तो चिदंबरम ने कहा, ‘‘ (ऐसी स्थिति में) सूची से बाहर रहने वालों में मुस्लिम होंगे और उनकी पहचान करने, बाहर निकालने या राष्ट्रविहीन घोषित करने का प्रयास होगा। ऐसे में अगर किसी मुसलमान को बाहर निकाला जाता है अथवा उन्हें हिरासत शिविर में रखा जाता है तो विशाल जनांदोलन होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानन है कि सीएए को निरस्त किया जाना चाहिए और राजनीतिक संघर्ष होना चाहिए ताकि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को 2024 के आगे ढकेला जा सके।
अन्य न्यूज़