मंडी लोकसभा चुनाव क्षेत्र में प्रतिभा सिंह को मिल रही सहानुभूति से भाजपा खेमे में हे बेचैनी का माहौल
भाजपा के लिये चुनावी बेला पर आमतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी का सहारा मिलता रहा है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। चुनाव प्रचार का सारा दारोमदार सीएम जय राम ठाकुर पर ही है। भले ही अब चुनावी मैदान में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर उतर आये हैं। लेकिन उनके पिता प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल अभी तक खामोश बैठे हैं।
शिमला । हिमाचल प्रदेश में इस माह के अंत में होने जा रहे मंडी लोकसभा व तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव को लेकर ठंड के मौसम में खासी गर्माहट पकड़ती जा रही है। भाजपा टिकट पाने वाले प्रत्याशियों के लिये अभी तक भाजपा का कोई बड़ा नेता चुनाव मैदान में उतर पाया है। खासकर केन्द्रीय नेता तो पूरी तरह प्रदेश से किनारा कर चुके हैं। हालांकि हिमाचल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का गृह प्रदेश है।
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भाजपा के लिये चुनावी बेला पर आमतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी का सहारा मिलता रहा है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। चुनाव प्रचार का सारा दारोमदार सीएम जय राम ठाकुर पर ही है। भले ही अब चुनावी मैदान में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर उतर आये हैं। लेकिन उनके पिता प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल अभी तक खामोश बैठे हैं। न ही उनके समर्थक खासे सक्रिय हो पाये है। इस सबसे भाजपा उम्मीदवारों में भी बेचैनी बढने लगी है।
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दरअसल, इस बार सबसे बडा उल्ट फेर मंडी संसदीय चुनाव क्षेत्र से इस बार कांग्रेस टिकट पर प्रतिभा सिंह के मैदान में उतरने से हुआ है। प्रदेश में छह बार सीएम रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा की जीत के लिये पूरा कांग्रेस काडर मंडी में पहुंच गया है। जिससे मौजूदा सीएम जय राम ठाकुर के पसीने छूट रहे हैं। न जय राम ठाकुर मंडी से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा ने जीत हासिल की थी। मंडी मुख्यमंत्री का गृह जिला है। जिससे उनका दबाव में आना स्वाभाविक है। चूंकि प्रतिभा सिंह के प्रति लोगों की सहानुभूति है। उन्हें वीरभद्र सिंह की पत्नी होने का लाभ तो मिल ही रहा है। वहीं राज परिवार से उनका ताल्लुक भी फायदेमंद साबित हो रहा है।
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जिला मंडी के करसोग के पांगणा के सुरेश शर्मा ले कहा कि इस बार लोगों ने रानी साहिबा प्रतिभा सिंह को जिताने का मन बनाया है। हमें उनके सिवा किसी भी प्रत्याशी से कोई वास्ता नहीं है। हम अपने दिवंगत नेता को वोट देकर सच्ची श्रद्धांजलि देंगे।
भाजपा ने करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को टिकट दिया है। लेकिन निचले स्तर पर गुटबाजी के चलते उनका प्रचार लोगों में वह प्रभाव नहीं छोड़ पाया है जो पिछली बार देखने को मिला था। व भाजपा ने जीत हासिल की थी। मंडी में भाजपा के रूठे नेताओं को मनाने की कोशिशें भी जा रही हैं।
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लेकिन सवाल उठता है कि राजा महेश्वर सिंह क्या खुलकर प्रतिभा सिंह के खिलाफ बोल पायेंगे। इसी तरह भाजपा से मुहं फुला बैठे दूसरे भाजपा नेताओं का हाल है।
जमीनी हालत यह है कि अभी तक मंडी संसदीय चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ही बढ़त बनाती दिख रही है। मंडी में भाजपा के लिये महंगाई, हवाई अड्डे के निर्माण का मुद्दा व फोरलेन प्रभावितों का संघर्ष गले की फांस बन चुका है। कई जगह सरकार के विरोध में लोग सामने आ रहे है। भाजपा के पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो विरोध में उठ रही आवाजों को शांत कर सके।
खुद जय राम ठाकुर का भी कोई खास जनाधार पूरे इलाके में नहीं है। वह अपने चुनाव क्षेत्र सिराज तक सीमित हो गये है। चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रदेश मंडी लोकसभा सीट का उपचुनाव 30 अक्तूबर को होगा। इसी के साथ तीन विधानसभा सीटों के लिए भी इसी दिन चुनाव होगा। 30 अक्तूबर को मतदान होगा। दो नवंबर को वोटों की गिनती होगी। पांच नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी होगी।
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