पंजाब में हिंदू और सिख में कोई अंतर नहीं, मनीष तिवारी बोले- CM चुनने का अधिकार निर्वाचित विधायकों का होता है
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एक सांसद और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार निर्वाचित विधायकों के पास होता है। अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, अभियान का चेहरा कौन बनेगा, यह पार्टी तय कर सकती है।
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। इस सूची में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी को जगह नहीं मिली है। ऐसे में उन्होंने कहा कि इसकी वजह सब जानते हैं और जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है तो पंजाब में यह कोई मुद्दा नहीं है। क्योंकि यह मुद्दा होता तो मैं श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एक सांसद और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार निर्वाचित विधायकों के पास होता है। अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, अभियान का चेहरा कौन बनेगा, यह पार्टी तय कर सकती है। दरअसल, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने के लिए सर्वेक्षण कराया है।
As an MP & a political worker, I personally think that in a democracy the right to elect CM lies with elected MLAs. Who leads the campaign, who becomes the face of the campaign can be decided by the party: Manish Tewari, Congress MP from Sri Anandpur Sahib#PunjabElections2022 pic.twitter.com/HzFxCZEJYL
— ANI (@ANI) February 5, 2022
कांग्रेस के सर्वे में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर सवाल पूछे गए। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सर्वे चरणजीत सिंह चन्नी आगे चल रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता अगर मेरा नाम वहां होता, आश्चर्य नहीं है कि यह वहां नहीं है। वजह तो सभी जानते हैं। जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है तो पंजाब में यह कभी मुद्दा नहीं था और अगर कभी मुद्दा होता तो मैं श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता।
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उन्होंने कहा कि पंजाब में हिंदू और सिख में कोई अंतर नहीं है। यह सच है कि उस समय सुनील जाखड़ को रोकने के लिए दिल्ली में बैठे किसी मथाधीश ने इतनी संकीर्ण मानसिकता का इस्तेमाल किया होगा। हाल ही में सुनील जाखड़ ने एक जनसभा में कहा था कि पिछले साल अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद 42 विधायक उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे।
उन्होंने कहा था कि सुनील (जाखड़) को 42 वोट, सुखजिंदर रंधावा को 16, महारानी परनीत कौर (अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला की सांसद) को 12 वोट, नवजोत सिंह सिद्धू को छह वोट और (चरणजीत सिंह) चन्नी को दो वोट मिले थे।
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