वित्त मंत्री के भाषण में सिर्फ 2 बार हुआ गरीब शब्द का इस्तेमाल, चिदंबरम बोले- यह अब तक का सबसे पूंजीवादी बजट है

P Chidambaram
प्रतिरूप फोटो

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 'गरीब' शब्द पैरा 6 में केवल दो बार आता है और हम वित्त मंत्री को यह याद रखने के लिए धन्यवाद देते हैं कि इस देश में गरीब लोग हैं। उन्होंने कहा कि लोग इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देंगे।

नयी दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम बजट को पूंजीवादी बजट करार दिया। इस दौरान पी चिदंबरम के अलावा कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला समेत पार्टी कई नेता मौजूद रहे। चिदंबरम ने कहा कि आज का बजट भाषण किसी वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण था। 

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उन्होंने कहा कि 'गरीब' शब्द पैरा 6 में केवल दो बार आता है और हम वित्त मंत्री को यह याद रखने के लिए धन्यवाद देते हैं कि इस देश में गरीब लोग हैं। उन्होंने कहा कि लोग इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देंगे। चिदंबरम ने कहा कि मैं चकित और स्तब्ध था कि वित्त मंत्री अगले 25 वर्षों के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार कर रही थी।

उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि वर्तमान को ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है और जनता को 'अमृत काल' के उदय होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने के लिए कहा जा सकता है। यह भारत के लोगों का मजाक उड़ा रहा है।

इसी बीच सुरजेवाला ने कहा कि प्रति व्यक्ति आज 1 लाख 8 हजार से कम होकर 1 लाख 7 हजार हो गई। प्रति व्यक्ति खर्च 62 हजार से कम होकर 59 हजार रह गया। 4.6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिए गए। ग्रामीण क्षेत्रों के पढ़ने वालों बच्चों का भविष्य अंधकार में चला गया। जिस प्रकार से मैल न्यूट्रीशन में देश 116 मुल्कों की सूची में 101 नंबर पर पहुंच गया। बेरोजगारी शहरों में 8 फीसदी और गांव में 6 फीसदी पार कर गई। 

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उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति 12 फीसदी पार कर गई। इसलिए इस बजट का सार कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री जी ने जिस प्रकार से इस बजट को पेश किया है वह सरकार और वित्त मंत्री की निर्दयता को दर्शाता है। गरीब की मदद के लिए एक शब्द बजट में नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में किसी वर्ग को टैक्स से राहत देने के लिए एक शब्द नहीं है। लोककल्याण को जैसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया हो।

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