जगन्नाथ रथयात्रा पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय से हर्षित है पूरा देश: अमित शाह
आज का दिन हम सबके लिए, खासकर ओडिशा के लिए बहनों और भाइयों तथा महाप्रभु श्री जगन्नाथ के श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास है। समूचा देश रथयात्रा का आयोजन सुनिश्चित करने के माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से हर्षित है।
शाह ने कहा, ‘‘यह मेरे साथ-साथ देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर्ष की बात है कि प्रधानमंत्री ने न केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझा, बल्कि इस मामले का सकारात्मक हल निकले, इसके लिए तुरंत प्रयास शुरू किए, जिससे हमारी यह महान परंपरा कायम रही।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मामले की गंभीरता और महत्ता को देखते हुए इसे उच्चतम न्यायालय की अवकाश पीठ के सामने रखा गया। दोपहर बाद इसकी सुनवाई हुई और यह सुखद फैसला हम सबके सामने आया। ओडिशा के लोगों को बहुत-बहुत बधाई। जय जगन्नाथ!’’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को संकेत दिया कि वह पुरी में 23 जून से प्रस्तावित भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की अनुमति दे देगा। न्यायालय ने कहा कि वह रथयात्रा के आयोजन का बारीकी से प्रबंधन नहीं कर सकता है और इसलिए यह काम केन्द्र, राज्य सरकार और मंदिर प्रबंधन के विवेक पर छोड़ेगा।यह मेरे साथ-साथ देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर्ष की बात है कि प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने न केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझा, बल्कि इस मामले का सकारात्मक हल निकले, इसके लिए तुरंत प्रयास शुरू किए, जिससे हमारी यह महान परंपरा कायम रही।
— Amit Shah (@AmitShah) June 22, 2020
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प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ को ओडिशा सरकार ने सूचित किया कि वह मंदिर प्रबंधन और केन्द्र के साथ तालमेल कर रथ यात्रा के आयोजन के दौरान चीजों को सुगम बनाएगी। केन्द्र ने भी पीठ को सूचित किया कि नागरिकों के स्वास्थ्य से समझौता किए बिना राज्य सरकार और मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से रथयात्रा का आयोजन किया जा सकता है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह ओडिशा में अन्य स्थानों के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ पुरी में ही रथयात्रा के आयोजन की अनुमति देने के मुद्दे पर ही विचार कर रहा है। शीर्ष अदालत ने 18 जून को अपने आदेश में कहा था कि कोविड-19 महामारी के चलते वह जनस्वास्थ्य और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस साल पुरी में रथयात्रा की अनुमति नहीं दे सकता और ‘‘यदि हम अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी क्षमा नहीं करेंगे।
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