वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे करने पहुंचे टीम, परिसर के बाहर दो पक्षों के बीच जमकर हुई नारेबाजी
जानकारी के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद में आज और दिनों की तुलना में लोगों की संख्या काफी थी। ज्यादा संख्या में आज मुस्लिम समाज के लोग यहां नमाज पढ़ने आए थे। बहुत से लोगों को वापस भेजा गया है।
अदालत के आदेश पर वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में आज वीडियोग्राफी और सर्वे करने के लिए एक टीम पहुंची है। जैसे ही यह टीम मस्जिद परिसर के आस पास पहुंची, वहां जमकर नारेबाजी शुरू हो गई। सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर सहित हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वादी और वकीलों ने भी अंदर प्रवेश किया। हालांकि गेट नंबर 4 के बाहर कुछ युवाओं ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि यह सभी युवा मुस्लिम समुदाय के थे जिसके बाद से दूसरे पक्ष से भी नारेबाजी शुरू हो गई। हालांकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि पहले हर-हर महादेव के नारे लगे। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने यह भी कह दिया कि हम कब तक चुप रहेंगे।
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जानकारी के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद में आज और दिनों की तुलना में लोगों की संख्या काफी थी। ज्यादा संख्या में आज मुस्लिम समाज के लोग यहां नमाज पढ़ने आए थे। बहुत से लोगों को वापस भेजा गया है। हालांकि, फिर भी वहां बहुत ज्यादा भीड़ थी। आपको बता दें कि अदालत की ओर से परिसर के अंदर श्रृंगार गौरी और कई विग्रह का सर्वे और वीडियोग्राफी करने का आदेश जारी किया गया था। दावा किया जा रहा है कि इस सर्वे में किसी तरह की नाप जोक नहीं होगी। लेकिन मंदिर और विग्रह कहां-कहां है, इसका पता जरूर किया जाएगा। इससे पहले अंजुमन इंतजामिया मस्जिद प्रबंध समिति के सचिव एसएम यासीन ने कहा था कि हम वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे।
उल्लेखनीय है कि वाराणसी के सिविल जज सिनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए ईद के बाद और 10 मई के पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी आयोग (कमीशन) की कार्रवाई और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि कमीशन की कार्यवाही के दौरान वकील कमिश्नर, पक्षकार के अलावा एक एक सहयोगी रह सकते हैं। अदालत के निर्देश के अनुसार छह और सात मई को मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण कराये जाने का फैसला लिया गया है। वाराणसी के अधिवक्ता दुर्गेश यादव ने बताया कि कमीशन कार्रवाई के लिए अदालत कमिश्नर नियुक्त करता है जो मामले की जांच कर अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
UP | When any procession is held, people get curious to participate. This is why it (crowd) is there, no other matter is involved... people who disobey Court orders should... prove whether they're Indians or from other nations: Brij Bhushan Ojha, Trustee, Kashi Vishwanath Temple pic.twitter.com/v4tR4LNygs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 6, 2022
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